टुकड़ा बंदी कानून को खत्म करने का फैसला स्वागत योग्य

आम आदमी समेत पेशेवरों द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया ः कहा- लोगों को सपनों का घर साकार करने में आसानी होगी

    11-Jul-2025
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शिवाजीनगर, 10 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
टुकड़ा बंदी कानून को खत्म करने के सरकार के साहसिक फैसले का हम इसका स्वागत करते हैं, ऐसे शब्दों में कई रियल एस्टेट उद्यमियों तथा आम नागरिकों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उनका कहना है कि इस घोषणा के बाद अब क्रियान्वयन में भी तेजी लाई जानी चाहिए. लोगों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से छोटे जमीन मालिकों को वास्तविक लाभ मिल सकता है. अब लोग अपने सपनों का घर बिना परेशानी के बना सकते हैं. साथ ही फर्जी खरीद-बिक्री के लेनदेन रुक सकते हैं. अगर एक गुंठा जमीन का भी लेन-देन कानूनी तौर पर शुरू हो, तो सरकार को राजस्व भी मिलेगा और लोगों के साथ धोखाधड़ी बंद हो सकती है.
 
इसके अलावा, एक गुंठा आकार की जमीन का कानूनी पंजीकरण होने से, एक ही जमीन या प्लॉट को कई लोगों को बेचने की कुप्रथा पर भी रोक लगेगी. कुल मिलाकर, आम लोगों ने भी सरकार की इस घोषणा का स्वागत किया है. कोई भी आम व्यक्ति निवेश के तौर पर या अपना घर बनाने के लिए एक साथ 11 गुंठा जमीन नहीं खरीद सकता. क्योंकि जमीन की कीमतें ऊंची होती हैं. लोगों के पास इतना पैसा या पूंजी नहीं होती है. आम लोग 1 गुंठा-2 गुंठा जमीन खरीदकर घर बनाने के बारे में सोच सकते हैं. यह विचार अब कानून के निरस्त होने से साकार हो सकता है.
 
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छोटे जमीन मालिकों को इससे जशर फायदा होगा : राजेश सांकला
सिद्धिविनायक ग्रुप के निदेशक राजेश सांकला ने कहा कि सरकार का यह फ!सला अच्छा है. लेकिन, इसका क्रियान्वयन भी शीघ्र और प्रभावी ढंग से होना चाहिए. बहुत से लोग गुट बनाकर 11-11 गुंठा के प्लॉट खरीदते हैं. हमने अभी तक देखा है कि उन 7-12 पंजीकरण में उस प्लॉट पर सभी हिस्सेदारों का नाम होता है. लेकिन, अब टुकड़ा बंदी कानून रद्द होने से फायदा यह होगा कि हर व्यक्ति के नाम पर अलग से 7-12 गुंठा प्लॉट जारी किया जाएगा. यह हर उस व्यक्ति के लिए खुशी की बात होगी. इसलिए, हम सरकार के इस फ!सले का स्वागत करेंगे. लोगों को घर मिलना चाहिए. इस लिहाज से सरकार की मंशा कामयाब होगी. फिलहाल, कानून होने के बावजूद गुंठेवारी चल रही है. यह कभी रुकी नहीं है. लेकिन, सरकार के इस फ!सले से कानूनी प्रक्रिया होगी. फिलहाल, रियल एस्टेट उद्योग सिर्फ आवासीय क्षेत्रों से ही चलता है. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि टुकड़ा बंदी कानून को ख़त्म करने से अचानक से रियल इस्टेट उद्योग पर कोई ख़ास फर्क पड़ेगा. लेकिन, हर व्यक्ति को छोटे-छोटे टुकड़ों में जमीन ख़रीदना, विकसित करना है या बेचना आसान होगा. इस लिहाज से छोटे जमीन मालिकों को निश्चित रूप से इससे लाभ हो सकता है.
 
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विकास की दृष्टि से यह फैसला बेहद अहम : सचिन गर्ग
साहिल प्रॉपर्टीज्‌‍ के सीएमडी सचिन गर्ग ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बहुत अच्छा है. टुकड़ा बंदी कानून की वजह से अभी तक शहरी इलाकों में 1 गुंठा जैसे कम क्षेत्रफल की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती थी. हालांकि, सरकार ने अब इस कानून को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे किसानों और जमीन मालिकों को निश्चित रूप से लाभ होगा. विकास की दृष्टि से यह फैसला बेहद अहम लगता है. क्योंकि, अगर विकास करना है, तो सड़कें उसके लिए बेहद जशरी हैं. उदाहरण के तौर पर, किसी प्रस्तावित टीपी योजना तक पहुंचने वाली सड़कों के निर्माण में अब तक जो मुश्किलें आ रही थीं, वे टुकड़ा बंदी कानून को निरस्त करने से दूर हो जाएंगी. क्योंकि, अक्सर किसी प्रोजेक्ट तक या स्कीम तक पहुंचने के लिए आवश्यक सड़क निर्माण के लिए उपलब्ध क्षेत्रफल एक गुंठा, दो गुंठा, तीन गुंठा होता है. मतलब वहां सड़क बनाने के लिए उस क्षेत्र को हस्तांतरित करने और उसका टीडीआर लेने की प्रक्रिया करनी होती है. मुझे लगता है कि टुकड़ा बंदी कानून समाप्त होने से यह प्रक्रिया आसान हो जाएगी. खासकर, सड़कें बनाने के लिए वहां आसपास की जमीन के छोटे छोटे टुकड़ों की खरीद- बिक्री हो सकेगी. जिससे, कई डेवलपर के अटके हुए या बाधाओं में फंसे हुए प्रोजेक्ट अब पूरे हो सकेंगे.
 
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फर्जी खरीद-बिक्री पर लगेगी लगाम : मनोज छाजेड़
सिद्धि ग्रुप के निदेशक मनोज छाजेड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय बिल्कुल सही है, क्योंकि, प्लॉटिंग पर प्रतिबंध के बावजूद, पुणे शहर के चारों कोनों में अवैध प्लॉटिंग अभी भी जारी है. हालांकि, 7-12 पंजीकरण में अपने नाम पर प्लॉट न होने से खासकर गरीबों को परेशानी होती थी. अब, यदि प्रत्येक हिस्सेदार के नाम पर प्लॉट का 7-12 पंजीकरण तैयार होता है, तो निश्चित रूप से उन्हें लाभ होगा. उपनगरों में प्लॉटिंग की जो दरें वर्तमान में बढ़ी हैं, उनमें थोड़ी कमी आएगी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कई जगहों पर देखा गया है कि प्लॉट एक ही होता है, लेकिन, उसका 7-12 पंजीकरण नहीं होने से (अनरजिस्टर्ड डॉक्यूमेंट) मानक क्षेत्रफल से अयादा जमीन बेची गई है. लेकिन सरकार के निर्णय के बाद अब छोटे हिस्सों का पंजीकरण शुरु होगा तो लोगों के साथ होनेवाली ऐसी धोखाधड़ी बंद होगी. टुकड़ा बंदी कानून की वजह से अभी तक, छोटे क्षेत्र वाले किसानों के पास पूरी जमीन बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. इसलिए, कानून रद्द करने का यह निर्णय ऐसे लोगों के लिए निश्चित रूप से अच्छा है. इससे एक ओर सरकार को स्टाम्प शुल्क से राजस्व प्राप्त होगा. वहीं दूसरी ओर फर्जी खरीद-फरोख्त पर लगाम लगेगी. हम सरकार के इस साहसिक निर्णय का स्वागत करते हैं.