आपके दिल में किसी काम काे पूरा करने की इच्छाश्नित पहले से माैजूद हाेती है. बस इस इच्छाश्नित के साथ अपनी क्षमता काे जाेड़ना हाेता है तभी आप अपने काे सही दिशा में जा सकते हैं. क्षमता वह है जाे सिर्फ आपके अंदर माैजूद है. आपके पास वह चाबी है जिसकी मदद से आप अपने अंदर बंद क्षमता का ताला खाेलकर उसका जिंदगीभर प्रयाेग कर सकते हैं. यह आपकी खुशी, संतुष्टता और संपूर्णता काे पूरा करती है. आप अपनी क्षमता काे तभी समझ सकते है, जब आप कुछ ऐसा कर रहे हैं जिसे करना आप बहुत पसंद करते हैं. आप अपनी अंदरूनी चाहत काे तभी पूरा कर सकते हैं जब आप कुछ ऐसा करे, जिसमें आपकी काफी रुचि हाे. आपकी क्षमता आपकाे काम काे पूरा करने के लिए मजबूर करे ताकि अपनी सारी क्षमता काे झाेंक सकें.
यदि आप अपने लक्ष्याें काे पाना चाहते हैं ताे जरूरी है कि अपनी क्षमता काे पहचानने. साथ ही आपकाे अपना लक्ष्य पहचानना हाेगा. पूरा करने का रास्ता तय करना हाेगा.इटैलियन मनाेवैज्ञानिक राेबर्टाे एसाग्लियाे ने अपनी किताब ‘द ए्नट ऑफ विल’ में लिखा है कि काेई बड़ा लक्षय पाना तभी संभव हाेता है जब आप अपने लक्ष्य का परिणाम तय कर लें. यदि आपकाे अपनी क्षमता का विस्तार करना है ताे अपनी जीवनशैली तय करने के लिए आपकाे थाेड़ा समय देना हाेगा. आप ्नया बनना चाहते हैं? इसे समझने के लिए थाेड़ा समय देना हाेगा. आप किस प्रकार जीना चाहते हैं, इसके लिए आपकाे अपनी दिनचर्या खुद तय करनी हाेगी. जब तक आप सभी बिंदु तय नहीं करेंगे तब तक आप खुद काे लक्ष्य पाने के लिए अंदर से तैयार नहीं कर पाएंगे.
मैंने हाल ही में एक किताब में पढ़ा था - यदि आप जिंदगी में कुछ ऐसा पाना चाहते हैं जाे अभी तक नहीं पा सके हैं तब आपकी इच्छाश्नित ही आपकी नैया काे पार लगा सकती है. अपनी क्षमता काे निखारने के लिए जरूरी है कि आप अपने लक्ष्याें काे पहचानें. यह लक्ष्य साफ और केंद्रित हाेने चाहिए. यह जरूरी है कि आपके दिमाग में बात साफ हाेनी चाहिए. इसके बाद लक्ष्याें के अनुरूप याेजना बनानी हाेगी.आपकाे अपने अंदर आत्मविश्वास का सतर इना ऊंचा करना हाेगा कि कठिन लक्ष्याें काे भी प्राप्त कर सके.