राष्ट्र सेवा और समाज सेवा के मूल्यों का संस्कार देने वाले गुरुओं को न भूल

‌‘सूर्यदत्त" में आयोजित गुरुपूर्णिमा उत्सव में रिटायर्ड एयर मार्शल भूषण गोखले ने व्यक्त किए अपनेविचार

    13-Jul-2025
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बावधन, 12 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
हमें जिस क्षेत्र में काम करते हैं, उसमें उच्च मानकों को प्राप्त करके समाज की सेवा करते रहना चाहिए. देशभक्ति का एक अनूठा और व्यापक महत्व है. हम जीवन में हर किसी से कुछ न कुछ सीखते हैं. हमें राष्ट्र सेवा और समाज सेवा के मूल्यों का संचार करने वाले शिक्षकों को नहीं भूलना चाहिए. एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) भूषण गोखले ने खुशी व्यक्त की कि सूर्यदत्त में यही शिक्षा दी जा रही है. सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से गुरुओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह में वह बोल रहे थे. यह कार्यक्रम गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सूर्यदत्त संस्था के बावधान कैंपस स्थित बंसी-रत्न सभागार में आयोजित किया गया था. यहां, सेवानिवृत्त एयर मार्शल भूषण गोखले (सूर्यदत्त ग्लोबल श्रेष्ठ सैनिक पुरस्कार), वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. श्रीपाल सबनीस (सूर्यदत्त वैेिशक साहित्य रत्न पुरस्कार), वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री गिरीश प्रभुणे (सूर्यदत्त ग्लोबल राष्ट्रसेवा अवॉर्ड), एमआईटी के डीन डॉ. शरदचंद्र दराडे (सूर्यदत्त ग्लोबल गुरुवर्य पुरस्कार), जन सेवा फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. विनोद शाह (सूर्यदत्त ग्लोबल रिसर्च एंड एक्सीलेंस अवॉर्ड), सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ डॉ. दीपक शिकारपुर (सूर्यदत्त ग्लोबल टेक्नोगुरु अवॉर्ड), अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्ध योग गुरु राखी गुगले (सूर्यदत्त ग्लोबल योगगुरु अवार्ड), शिवशक्ति भवन संचालिका राजयोगिनी बीके लक्ष्मी दीदी (सूर्यदत्ता ग्लोबल शांतिदूत अवार्ड), श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर ट्रस्ट के पुजारी श्रीकांत महाराज देशमुख (सूर्यदत्त ग्लोबल पुरोहित रत्न पुरस्कार) को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में सूर्यदत्त एजुकेशन फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. डॉ. संजय बी. चोरडिया, उपाध्यक्ष सुषमा चोरडिया, सह-उपाध्यक्ष स्नेहल नवलखा, सहित ‌‘सूर्यदत्त' संस्थान के सभी विभागों के प्राचार्य, विभागाध्यक्ष, शिक्षण एवं गैर- शिक्षण कर्मचारी और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. इस अवसर पर सूर्यदत्त कैंपस में सभी गुरुओं द्वारा वृक्षारोपण किया गया. साथ ही ‌‘सूर्यदत्त ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अक्षित कुशल और संचालन एवं संबंध प्रबंधक स्वप्नाली कोगजे को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया. सोनाली ससार, सिद्धि खले, साजिरी रानवड़े और गौरी देशपांडे ने गणेश वंदना की. डॉ. श्रीपाल सबनीस ने कहा, हमें अपनी मानवता को बचाए रखना चाहिए. इसी से एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकता है. सूर्यदत्त संस्थान ऐसी गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों में अच्छे संस्कारों का संचार कर रहा है. गिरीश प्रभुने ने कहा, हर पर तीन ऋण होते हैं. माता-पिता, शिक्षकों और समाज से ऋण लेकर बड़े होते हैं. देश और समाज के लिए योगदान देने की भावना हमें और समृद्ध बनाती है. राखी गुगले ने कहा, हमें अब तक कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. लेकिन एक शिक्षक के रूप में सूर्य दत्त द्वारा दिए गए सम्मान का महत्व अद्वितीय है. बीके लक्ष्मी दीदी ने कहा, इस आधुनिक दुनिया में सामाजिक असमानता बहुत बढ़ रही है. सभी को शांति का मार्ग अपनाना चाहिए और अपने और समाज के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. डॉ. दीपक शिकारपुर ने कहा, छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथसाथ अपने कौशल पर भी ध्यान देना चाहिए. विभिन्न भाषाएं सीखकर खुद को अपडेट रखें. डॉ. विनोद शाह ने कहा, हमारे माता- पिता हमारे शिक्षक हैं, हमेशा उनका सम्मान करना चाहिए, युवा पीढ़ी को माता-पिता और शिक्षकों के स्थान का सम्मान करना चाहिए. श्रीकांत देशमुख ने कहा, हर किसी में अच्छे और बुरे दोनों गुण होते हैं. बुरे गुणों पर विजय प्राप्त करें और अच्छे गुणों पर ध्यान केंद्रित करें. सुषमा चोरडिया ने कहा, माता-पिता आपके प्रथम शिक्षक होते हैं. हमें जीवन में मिलने वाले प्रत्येक शिक्षक के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव रखना चाहिए. स्नेहल नवलखा ने स्वागत भाषण दिया. डॉ. सुनील धनगर ने कार्यक्रम का संचालन किया. स्वप्नाली कोगजे और मोनिका सहरावत ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया.