आंध्र प्रदेश मच्छराें से छुटकारा पाने अख की मदद ले रहा

    14-Jul-2025
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू हमेशा नई- पुरानी चुनाैतियाें के समाधान के रूप में तकनीक की बात करते रहे हैं. यही एक बड़ी वजह है कि राज्य अब मच्छराें और वेक्टर जनित बीमारियाें से निपटने के लिए एआई-संचालित कार्यक्रम का इस्तेमाल करना चाहता है. आंध्र प्रदेश सरकार का नगर प्रशासन और शहरी विकास (एमएयूडी) विभाग स्मार्ट मच्छर निगरानी प्रणाली (एसएमओएसएस) शुरू कर रहा है.यह नवाेन्मेषी, एआई-संचालित कार्यक्रम, जाे खेढ प्राैद्याेगिकी का भी उपयाेग करता है, 6 प्रमुख नगर निगमाें में 66 रणनीतिक स्थानाें पर संचालित किया जाएगा, जाे पारंपरिक अंधा छिड़काव से डेटा-संचालित, लक्षित दृष्टिकाेण की ओर बदलाव का प्रतीक है.एक निजी एजेंसी द्वारा विकसित एआई-संचालित एसएमओएसएस का उद्देश्य न केवल मच्छराें के लगातार बढ़ते खतरे काे कम करना है, बल्कि नगर निगम कर्मचारियाें पर परिचालन बाेझ काे कम करना और शहरी स्थानीय निकायाें (यूएलबी) की लागत काे कम करना भी ै.
 
 
यह प्रणाली व्यापक और वास्तविक समय की निगरानी के लिए स्मार्ट सेंसर, ड्राेन, हीट मैप और ट्रैप सहित अत्याधुनिक इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (आईओटी) तकनीकाें का लाभ उठाती है. पायलट परियाेजना शीघ्र ही शुरू हाेने वाली है, जिसमें ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम में 16 स्थान, काकीनाडा में 4, राजामहेंद्रवरम में 5, विजयवाड़ा में 28, नेल्लाेर में 7 और कुरनूल में 6 स्थान शामिल हाेंगे.
एसएमओएसएस का एक मुख्य घटक मच्छर-प्रवण क्षेत्राें में एआई-संचालित स्मार्ट मच्छर सेंसर लगाना है. यह सेंसर मच्छराें की प्रजाति, लिंग, घनत्व और तापमान व आर्द्रता जैसे पर्यावरणीय कारकाें का पता लगाने में सक्षम हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि जब किसी विशिष्ट क्षेत्र में मच्छराें की संख्या पूर्वनिर्धारित सीमा से अधिक हाे जाती है, स्वचालित रूप से अलर्ट जारी कर देता है.