सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने दाेपहिया वाहन कंपनियाें के उस अनुराेध काे खारिज कर दिया है जिसमें 1 जनवरी, 2026 से 50 सीसी से अधिक या 50 किमी प्रति घंटे से अधिक रफ्तार वाले सभी नए दाेपहिया वाहनाें में एंटी-लाॅक ब्रेकिंग सिस्टम लगाने का विराेध करते हुए इसे अनिवार्य नहीं करने की मांग की गई थी.अगर यह बदलाव (एबीएस) लागू हुआ ताे दाेपहिया कंपनियाें काे अपने वाहनाें काे सुरक्षित बनाने के लिए सालाना लगभग 7,300 कराेड़ रुपये खर्च करने हाेंगे. मसाैदे में 125 सीसीसे कम क्षमता वाले सभी आईसीई दाेपहिया और 11 केडब्ल्यूएच से कम क्षमता वाले इलेक्ट्रिक वाहनाें में एबीएस लगाना अनिवार्य किया गया है. इससे पहले, एबीएस केवल 125 सीसी से अधिक क्षमता वाले दाेपहिया और 11 केडब्ल्यूएच से अधिक क्षमता वाले इलेक्ट्रिक वाहनाें के लिए अनिवार्य था. कंपनियाें का कहना है कि इससे उन पर प्रति वाहन 3,500-6,000 रुपये का अतिरिक्त बाेझ (माॅडल के आधार पर या वह इलेक्ट्रिक या है आईसीई वाहन) पड़ेगा, जिससे उनके सामने कीमतें बढ़ाने के अलावा और काेई विकल्प नहीं रह जाएगा.