पुणे, 13 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क) प्रशासनिक सेवा में कार्य करते समय सहानुभूति, करुणा और जुनून अत्यंत आवश्यक ह्ैं. केवल जुनून के साथ की गई कड़ी मेहनत ही सिविल सेवा में सफलता दिला सकती है. हमारे कर्म ही हमारी प्रगति के द्वार खोलते हैं, यह प्रेरणादायी विचार मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर ने व्यक्त किए वह एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे के एमआईटी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट और अर्थशास्त्र एवं लोक नीति विभाग द्वारा आयोजित यूपीएससी परीक्षा 2024 के 15वें राष्ट्रीय स्तर के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. कार्यक्रम कोथरुड स्थित स्वामी विवेकानंद सभागार में संपन्न हुआ्. इस अवसर पर लोकसभा की प्रथम महिला महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव और राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के पूर्व निदेशक ए.एस. राजन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. साथ ही, एमआयटी डब्ल्यूपीयू के कुलपति डॉ. आर.एम. चिटणीस, सीएओ डॉ. प्रसाद खांडेकर, डीन डॉ. अंजलि साने, तथा टॉपर अभ्यर्थी शक्ति दुबे, अर्चित डोंगरे और गोपाल वामणे भी मंच पर उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. डॉ. वेिशनाथ कराड ने की, जबकि मार्गदर्शन डॉ. राहुल कराड द्वारा किया गया. समारोह में ऑल इंडिया टॉपर शक्ति दुबे को 1 लाख रुपये नकद, शॉल, ज्ञानेेशर मूर्ति और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया. तीसरे स्थान पर आए अर्चित डोंगरे को 30 हजार रुपये नकद भेंट किए गए. इस दौरान देशभर के 140 सफल अभ्यर्थियों को भी मंच पर सम्मानित किया गया. विवेक फणसलकर ने युवाओं से अपील की कि अपने प्रशासनिक सेवा में प्रवेश के मूल उद्देश्य को कभी न भूल्ें. यह सेवा चुनौतियों से भरी है, लेकिन सही दृष्टिकोण और समाज के प्रति संवेदनशीलता ही आपको आगे ले जाएगी. मानवता और नैतिकता को सर्वोपरि रखते हुए सेवा करें. स्नेहलता श्रीवास्तव ने कहा कि इस सेवा में निरंतर सीखने की प्रवृत्ति, आत्मसंयम और विनम्रता अत्यंत आवश्यक ह्ैं. एक डायरी में दिनचर्या लिखने और सभी के साथ श्रेष्ठ व्यवहार करने की आदत आत्मविकास में मददगार होती है.शक्ति दुबे और अर्चित डोंगरे ने राष्ट्र सेवा में अपने कर्तव्यों को पूर्ण निष्ठा से निभाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. गौतम बापट ने किया और अंत में आभार प्रदर्शन डॉ. अंजलि साने द्वारा किया गया.