सुप्रीम काेर्ट में साेमवार काे शिवसेना विवाद पर सुनवाई हुई. इसमें काेर्ट ने साफ संकेत दिए कि अगले 3 महीने में मामला सुलझ जाएगा. ऐसे में शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह धनुषबाण किसका है? इस पर अक्टूबर या नवंबर में फैसला आने की संभावना है. इस बीच, शिवसेना विवाद जून 2022 से काेर्ट में लंबित है. इस पर सुनवाई बार-बार टलने से काफी नाराजगी व्य्नत की जा रही है.
वर्ष 2022 में शिवसेना में बड़ी बगावत के बाद फरवरी वर्ष 2023 में चुनाव आयाेग ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट काे शिवसेना नाम और चुनाव चिन्ह ‘धनुषबाण’ दे दिया. उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयाेग के आदेशाें काे चुनाैती दी. सुप्रीम काेर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जाॅय माल्या बागची की बेंच के समक्ष साेमवार काे याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई अगस्त में हाेगी.इससे पहले, ठाकरे गुट ने ज़ाेर देकर कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव हाेने वाले हैं, इसलिए मामले की सुनवाई साेमवार (14 जुलाई) ही की जाए.
काेर्ट ने साेमवार काे सुनवाई से साफ इन्कार कर दिया. काेर्ट ने कहा कि अगले महीने इस मामले में अगली तारीख़ दी जाएगी.इस बारे में बाेलते हुए वकील सिद्धार्थ शिंदे ने कहा कि काेर्ट ने शिवसेना पार्टी और चुनाव चिन्ह काे लेकर बड़ा बयान दिया है. काेर्ट ने कहा कि माैजूदा मामला दाे साल से लंबित है.अगस्त में मुख्य सुनवाई करेंगे. इस पर ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल ने अगस्त महीने में तारीख़ मांगी. इसके बाद, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वह अपना राेस्टर देखकर तारीख़ देंगे, जिसकी जानकारी आपकाे एक-दाे दिन में दे दी जाएगी.ठाकरे के लिए बड़ी राहत : सिद्धार्थ शिंदे वकील सिद्धार्थ शिंदे ने कहा कि सुप्रीम काेर्ट का बयान उद्धव ठाकरे के लिए बड़ी राहत कहा जा सकता है. पिछले 2 सालाें से जाे अनिश्चितता थी, उसे अब काेर्ट ने दूर कर दिया है. इस मामले का समाधान इसी साल ज़रूर हाे जाएगा. अगर इस बीच चुनाव हाेते हैं, ताे माैजूदा स्थिति जस की तस बनी रहेगी. शिंदे के वकील ने अपना पक्ष रखा. इस पर काेर्ट ने तर्क काे खारिज कर दिया. अब तक जाे हुआ साे हुआ. अब दाे साल बीत चुके हैं.