देश की संसद में भी अब एआई का इस्तेमाल हाेगा. एआई से सांसद अपनी सीट से अटेंडेंस लगा सकेंगे. सिगनेचर नहीं करना पड़ेगा, इसके अलावा सांसद भाषण लिखने और अनुवाद हेतु भी एआई की मदद ले सकेंगे. बता दें कि 21 जुलाई से शुरू हाे रहे मानसून सत्र से कई बदलाव लागू हाेंगे. बैठक व्यवस्था बदलेगी.आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और अब भारतीय संसद में भी इसका प्रभाव देखने काे मिलेगा. सामने आया है कि 21 जुलाइसे सांसदाें काे नया डिजिटल एक्सपीरियंस दिया जाएगा. अब तक अटेंडेंस के लिए उन्हें लाॅबी में जाकर फिजिकल या डिजिटल साइन करना पड़ता था लेकिन अब सांसद अपनी सीट पर लगे मल्टी-मीडिया डिवाइस से अटेंडेंस रजिस्टर कर पाएंगे.
सांसदाें काे अब तक भवन की लाॅबी में माैजूद रजिस्टर या टैबलेट पर साइन करना हाेता था और यह व्यवस्था लंबे वक्त से चली आ रही है. डेक्कन हेराल्ड की नई रिपाेर्ट में दावा किया गया है कि अब सांसदाें काे उनकी सीट पर ही टच-स्क्रीन टर्मिनल के जरिए अटेंडेंस लगाने का विकल्प दिया जाएगा.अब तक इन टर्मिनल्स का इस्तेमाल दिन का एजेंडा, डाॅक्यूमेंट्स या बिल पढ़ने के लिए हाेता रहा है. अब लाॅबी में भीड़ नहीं लगेगी और अटेंडेंस लगाने के लिए सांसदाें काे उनकी सीट पर जाना ही हाेगा.सामने आया है कि लाेकसभा में अब एआई की मदद से भाषण का ट्रांसक्रिप्शन करने और अलग-अलग भाषाओं में उसका अनुवाद करने का काम आसानी से किया जा सकता है. मल्टी-लिंगुअल इंटरप्रिटिशन और एआई-पावर्ड ट्रांसक्रिप्शन की शुरुआत इसे सेशन या फिर विंटर सेशन से हाे सकती है.