आखिरकार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के शरद चंद्र पवार प्रदेश अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. बुधवार काे हुई पार्टी की बैठक में माैजूदा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद शशिकांत शिंदे काे सर्वसम्मति से इस पद पर चुन लिया गया.इस चुनाव ने पिछले 4 दिनाें से जयंत पाटिल के इस्तीफे काे लेकर बनी असमंजस की स्थिति काे खत्म कर दिया है. इस बीच, शरद पवार गुट के कई नेता फिलहाल सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल हाे रहे हैं. शशिकांत शिंदे के सामने पार्टी काे एकजुट बनाए रखने की बड़ी चुनाैती है. शशिकांत शिंदे पार्टी की स्थापना के समय से ही शरद पवार के करीबी सहयाेगी रहे हैं. उन्हाेंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विद्राेह के दाैरान पवार का पूरी निष्ठा से समर्थन किया था.
वे पश्चिमी महाराष्ट्र में एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते हैं और संगठनात्मक कार्याें में उनका व्यापक अनुभव है. शशिकांत शिंदे के सामने संगठन काे मज़बूत करने की एक बड़ी चुनाैती है. पिछले कुछ दिनाें से एनसीपी के शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष पद में बदलाव की चर्चा चल रही थी. जयंत पाटिल पिछले सात सालाें से पार्टी की कमान संभाल रहे हैं. 10 जून काे पार्टी केवार्षिकाेत्सव कार्यक्रम के दाैरान जयंत पाटिल ने इस्तीफे की इच्छा जताई थी.इसके बाद से उनके इस्तीफे की चर्चा चल रही थी. बुधवार काे आखिरकार शशिकांत शिंदे काे प्रदेश अध्यक्ष पद की घाेषणा कर दी गई. अब शशिकांत शिंदे पर आगामी स्थानीय निकाय चुनावाें में पार्टी काे अच्छी जीत दिलाने की ज़िम्मेदारी हाेगी. जयंत पाटिल ने कहा, इस बीच, यह मत साेचिए कि मैं एनसीपी छाेड़ दूंगा.प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल 2 साल का हाेता है. लेकिन पवार साहब ने मुझे 7 साल का माैका दिया। मेरे लिए पद छाेड़ने का यही सही समय है.