यमन में भारतीय नर्स निमिषा की 16 जुलाई काे हाेने वाली फांसी की सजा फिलहाल टल गई. केंद्र सरकार के प्रयासाें काे बड़ी सफलता मिली है. फांसी की सजा टलने से परिवार में खुशी की लहर है.केंद्र सरकार निमिषा काे फांसी से बचाने के लिए 8.5 कराेड़ रुपये ‘ब्लड मनी’ के रूप में देने के लिए तैयार है. दाेनाें देशाें े अधिकारियाें ने लंबी चर्चा के बाद 16 जुलाई काे हाेने वाली फांसी काेस्थगित किया है.अब निमिषा व पीड़िता का परिवार बातचीत कर बीच का रास्ता निकाल सकते हैं. मीडिया रिपाेर्ट्स के मुताबिक एक्टिविस्ट ग्रुप और प्रभावशाली धार्मिक नेताओं ने इस मामले में दखल दिया, जिसके बाद निमिषा प्रिया की माैत की सजा स्थगित कर दी गई है.
इससे पहले निमिषा काे माैत की सजा से बचाने के लिए डिप्लाेमैटिक लेवल पर भी कई काेशिशें की गई थीं. खबर यह भी है कि पीड़ित का परिवार अभी तक क्षमादान या ब्लड मनी स्वीकार करने के लिए सहमत नहीं हुआ है. मीडिया रिपाेर्ट के मुताबिक यमन से चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज बातचीत कर रहे हैं. बातचीत में यमन के सुप्रीम काेर्ट के एक जज और मृतक के भाई भी शामिल हैं. शेख हबीब काे बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया. रिपाेर्ट के मुताबिक भारत में कंथापुरम के ग्रैंड मुफ्ती एपी अबूबकर मुसलियार और यमन से चर्चित सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज इस मसले पर बातचीत कर रहे हैं. इसमें यमन के सुप्रीम काेर्ट के एक जज और मृतक के भाई भी शामिल हैं.
यमन शेख हबीब काे बातचीत के लिए मुफ्ती मुसलियार ने मनाया. ऐसा भी पहली बार हुआ है जब पीड़ित परिवार का काेई करीबी सदस्य बातचीत काे तैयार हुआ है. यह बातचीत शरिया कानून के तहत हाे रही है, जाे पीड़ित परिवार काे दाेषी काे बिना किसी शर्त के या फिर ब्लड मनी के बदले में माफ करने का कानूनी अधिकार देता है. भारतीय नर्स निमिषा 2017 से जेल में बंद हैं, उन पर यमन के नागरिक तलाल अब्दाे महदी काे ड्रग का ओवरडाेज देकर हत्या करने का आराेप है. निमिषा और महदी यमन में एक प्राइवेट ्नलीनिक में पार्टनर थे. आराेप है कि महदी ने निमिषा का पासपाेर्ट अपने कब्जे में ले रखा था और उसे प्रताड़ित करता था.