शिवाजीनगर, 15 जुलाई (आ.प्र.)
सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने कहा है कि देसी गायों के संरक्षण और संवर्धन हेतु व्यापक जागरूकता आवश्यक है. वे देसी गाय संरक्षण एवं संवर्धन सप्ताह के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. यह सप्ताह महात्मा फुले कृषि वेिशविद्यालय, राहुरी द्वारा कृषि महाविद्यालय (पुणे) में आयोजित किया गया है. इस अवसर पर राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष शेखर मुंदड़ा, महाराष्ट्र राज्य कृषि शिक्षा के उपाध्यक्ष तुषार पवार, महात्मा फुले कृषि वेिशविद्यालय (राहुरी) के अध्यक्ष शरद गडाख, कृषि आयुक्त सूरज मांढरे, राज्य कृषि शिक्षा महानिदेशक श्रीमती वर्षा लड्ढा, सहायक डीन महानंद माने, मुख्य वैज्ञानिक सोमनाथ माने और कृषि क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य सतत कृषि, पर्यावरण संरक्षण, डेयरी व्यवसाय में सुधार और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. भारत में पारंपरिक गौवंश न केवल दूध उत्पादन के लिए, बल्कि जैविक खेती के लिए भी गोबर, गौमूत्र और अन्य कृषि आदान प्रदान करते हैं. इसलिए, देशी गौवंश का संरक्षण ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा देने वाला एक प्रभावी कदम है. आज के तकनीकी युग में, देशी गौवंश के वैज्ञानिक प्रबंधन की आवश्यकता बढ़ गई है. इस सप्ताह के माध्यम से युवाओं, किसानों, शोधकर्ताओं और व्यवसायियों को एक साथ आकर विचार-मंथन करने का अवसर मिल रहा है. मंत्री पाटिल ने यह भी कहा कि इस तरह की गतिविधियों से कृषि क्षेत्र में नए विचार, अनुसंधान और नीतियां आकार लेंगी.