ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार, भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री 15 जुलाई काे चीन के तियानजिन में आमने-सामने आए. शंघाई सहयाेग संगठन (एससीओ) समिट में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहलगाम हमले के निंदा की. जयशंकर ने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था काे नुकसान पहुंचाने और धार्मिक विभाजन पैदा करने के लिए किया गया था.
उन्हाेंने एससीओ से आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की मांग की.उन्हाेंने कहा- एससीओ तीन बुराइयाें से निपटने के लिए बना, वे हैं आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद. उन्हाेंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान का भी जिक्र किया, जिसमें हमले में जिम्मेदार लाेगाें काे सजा देने की बात कही गई थी.जयशंकर ने कहा- यह जरूरी है कि एससीओ आतंकवाद पर काेई समझाैता न करे. भारत-पाकिस्तान विवाद के अलावा जयशंकर ने अफगानिस्तान का मुद्दा भी उठाया और एससीओ सदस्याें से विकास सहायता बढ़ाने का आग्रह किया, जिसके लिए भारत ने भी प्रतिबद्धता जताई. जयशंकर ने कहा- भारत ने एससीओ में स्टार्टअप और नवाचार से लेकर पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तक, कई क्षेत्राें में कई पहल की हैं.