पुणे, 1 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
जिन दिव्यांग बच्चों को चलने-फिरने में असमर्थता है, उनके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से घर-घर जाकर मेडिकल मूल्यांकन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इस सेवा का लाभ लेने के लिए संबंधित लोगों को प्राधिकरण से संपर्क करना चाहिए. यह अपील प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र के. महाजन ने किया. यह विशेष सशक्तिकरण शिविर शुक्रवार (28 जून) को उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति और महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में बाल कल्याण संस्था, गणेशखिंड में आयोजित किया गया था. उद्घाटन के अवसर पर न्यायाधीश महाजन ने कहा कि हर दिव्यांग बच्चे को बिना किसी भेदभाव के सीखने, बढ़ने और सफल होने का समान अवसर मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा कि दिव्यांगों का समावेशन उनका अधिकार है और कोई भी दिव्यांग बच्चा उपेक्षित न रहे, यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. यह शिविर सिर्फ सेवा प्रदान करने तक सीमित नहीं, बल्कि एक समावेशी और न्यायसंगत समाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. दिव्यांग सशक्तिकरण सामूहिक जिम्मेदारी-सोनल पाटिल शिविर में उपस्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सोनल पाटिल ने कहा कि दिव्यांग बच्चों का समाज में समावेश कर समाज को अधिक सशक्त बनाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है. इस शिविर के माध्यम से न्याय प्रणाली, प्रशासन, चिकित्सा सेवा और स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर दिव्यांग बच्चों के सम्मान, समावेश और सशक्तिकरण के लिए एक ठोस पहल की है.
भविष्य में भी प्राधिकरण इस दिशा में प्रयासशील रहेगा. इस शिविर में 100 से अधिक दिव्यांग बच्चों का चिकित्सकीय परीक्षण और प्रमाणपत्र वितरण किया गया, जबकि 500 से अधिक लाभार्थियों को विभिन्न प्रकार की कानूनी, चिकित्सा और कल्याणकारी सेवाएं प्रदान की गईं. शिविर में दिव्यांग बच्चों के लिए काउंसिलिंग, माता-पिता के लिए मार्गदर्शन, आधार कार्ड पंजीकरण, मुफ्त कानूनी सलाह, पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ मनपाओं की योजनाओं की जानकारी, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय की शिक्षा की जानकारी, ट्रस्ट अधिनियम के अंतर्गत लाभ, पेंशन योजना, छात्रवृत्ति योजना जैसी सेवाएं भी दी गईं.
सामाजिक संस्थाओं ने भी योगदान दिया
बाल कल्याण संस्था, एक्शन फॉर इम्पैक्ट फाउंडेशन, एकांश ट्रस्ट और सप्तऋषि फाउंडेशन की ओर से आधार पंजीकरण, जबकि जैन डिवाइन ग्रुप की ओर से व्हीलचेयर और स्कूल बैग वितरण जैसी सेवाओं के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई्. इस अवसर पर प्रतीक इंगले (एक्शन फॉर इम्पैक्ट फाउंडेशन), अनिता अय्यर (एकांश ट्रस्ट), संकेत शाह (जैन डिवाइन ग्रुप) समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
औंध हॉस्पिटल और वाईसीएम में परीक्षण
औंध जिला अस्पताल और यशवंतराव चव्हाण स्मृति अस्पताल, पिंपरी के डॉक्टरों की टीम ने अंधता, कम दृष्टि, सुनने की समस्या, शारीरिक अक्षमता, बौद्धिक दिव्यांगता, मानसिक रोग, ऑटिअम स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, सेरेब्रल पॉल्सी,पार्किंसन रोग, मस्क्यूलर डिस्ट्रॉफी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, बोलने व श्रवण अक्षमता, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, सिकल सेल एनीमिया, पुरानी न्यूरोलॉजिकल स्थिति, लर्निंग डिसऑर्डर, एसिड अटैक पीड़ित, बौनेपन और बहुविकलांगता जैसी स्थितियों का परीक्षण किया.