दिघी, 19 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
अत्यल्प व अल्प आय वर्ग (एथड व ङ्खॠ) के लोगों को आवास मुहैया कराने की योजना के अंतर्गत मिलने वाले म्हाडा के तीन फ्लैट बिल्डर और म्हाडा के प्रबंधक की मिलीभगत से सीधे खुले बाजार में बेच दिए गए. इस चौंकाने वाले घोटाले का खुलासा होते ही म्हाडा पुणे मंडल के संपत्ति प्रबंधक और बिल्डर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में म्हाडा मुंबई की मुख्य सतर्कता एवं सुरक्षा विभाग के सहायक पुलिस निरीक्षक महेश विष्णु चव्हाण ने दिघी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. इस आधार पर पुलिस ने कमलराज रियल्टर्स (डेवलपर) और म्हाडा पुणे मंडल के संपत्ति प्रबंधक विजयसिंह ठाकुर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. यह घोटाला पिंपरी चिंचवड मनपा क्षेत्र के दिघी स्थित ‘कमलराज निशिगंध’ परियोजना में जनवरी 2022 से अब तक घटित हुआ है.
क्या है मामला?
पुलिस के अनुसार, म्हाडा की 20% समावेशी गृहनिर्माण योजना के अंतर्गत डेवलपर को अत्यल्प व अल्प आय वर्ग के नागरिकों के लिए सस्ते दर पर फ्लैट उपलब्ध कराने के बदले अतिरिक्त 20% एफएसआई प्रदान की जाती है. परंतु कमलराज रियल्टर्स ने इस योजना का उल्लंघन कर उन फ्लैट्स को पात्र लाभार्थियों को न देकर खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेच दिया. इतना ही नहीं, जिन खरीदारों को ये फ्लैट बेचे गए, उनके नाम म्हाडा के रिकॉर्ड में दर्शाने के लिए संपत्ति प्रबंधक विजयसिंह ठाकुर ने फर्जी स्वीकृति पत्र (ऑफर लेटर) तैयार किए और बिल्डर को उपलब्ध कराए्. यह सब एक योजनाबद्ध साजिश के तहत किया गया. इस वजह से प्रतीक्षा सूची में मौजूद वास्तविक आवेदकों और राज्य सरकार, दोनों के साथ धोखाधड़ी हुई है. इस पूरे प्रकरण की जांच पुलिस उपनिरीक्षक कटपाले द्वारा की जा रही है. मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है, क्योंकि इस प्रकार के घोटाले से न केवल सरकारी योजनाओं की वेिशसनीयता को आघात पहुंचता है, बल्कि गरीब और जरूरतमंदों का हक भी मारा जाता है.