पुणे, 19 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
परिवार केवल खून का रिश्ता नहीं, बल्कि प्यार, सहयोग और समझ का मजबूत ताना-बाना है. हर परिवार में समय-समय पर कई प्रकार की चुनौतियाँ आती हैं आर्थिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं या आपसी मनमुटाव, लेकिन इन सबका समाधान परिवार के भीतर ही छिपा होता है. संवाद की कमी छोटी बातों को भी बड़ा बना देती है, जबकि समझदारी और सहनशीलता से बड़े से बड़े मुद्दे भी सुलझ जाते हैं.आज जब समाज में पारिवारिक टूटन बढ़ रही है, ऐसे समय में जरूरी है कि हम संवाद और समझ को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाएं. एक-दूसरे की बात सुनना, खुलकर संवाद करना और जरूरत पड़ने पर धैर्य से समाधान निकालना ही परिवार को जोड़े रखता है. परिवार की नींव तभी मजबूत होती है जब हर सदस्य यह समझे कि मिल-जुलकर रहना ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है. इस बारे में दैनिक ‘आज का आनंद' के लिए प्रो. रेणु अग्रवाल ने समाज के विभिन्न व्यक्तियों से बातचीत की. प्रस्तुत हैं उनकी बातचीत के प्रमुख अंश -
परिवार की नींव संवाद और समझ
परिवार समाज की सबसे मजबूत इकाई है. जब इसमें संवाद, सहयोग और तालमेल होता है, तो समाज में मजबूती आती है. लेकिन जब संवाद की कमी होती है, तब छोटी बातें भी तनाव बन जाती हैं. संवाद, सहनशीलता, समझदारी और साथ बैठकर समाधान निकालना ही पारिवारिक सुख का रास्ता है. जरूरत हो तभी कानूनी सहायता लें, अन्यथा आपसी बातचीत से हर समस्या का हल संभव है. -एड. कविता सुदामराव वाघ, छत्रपति संभाजीनगर
व्यवहारिक शिक्षा से ही पारिवारिक जीवन मधुर बनता है
परिवार त्याग, प्रेम और सेवा की पाठशाला है, लेकिन जब स्वार्थ हावी हो जाता है, परिवार में तनाव आ जाता है. इसका मुख्य कारण व्यवहारिक जीवन शिक्षा का अभाव है. विवाह से पहले बेटा-बेटी दोनों को परिवार में सामंजस्य, संवाद और कर्तव्य का ज्ञान दिया जाए तो पारिवारिक तनाव को कम किया जा सकता है. -निशिकांत पाटिल, निगड़ी
बातचीत सबसे सरल समाधान
समस्या चाहे जैसी हो, बातचीत सबसे सरल समाधान है. कानूनी सलाह का विकल्प हमेशा खुला है, लेकिन पारिवारिक मामले अधिकतर आपसी बातचीत से ही सुलझाए जा सकते हैं. घरेलू विवाद कोर्ट तक ना पहुंचे, यही परिवार और समाज के लिए सही रहेगा. -महेश सूर्यवंशी, टेल्को रोड, भोसरी
समस्या को बांटिए, अकेले न झेलिए
हर परिवार में किसी न किसी सदस्य को स्वास्थ्य या आर्थिक समस्या होती है. समस्या पर लगातार सोचते रहना शरीर और मन दोनों को थका देता है. परिवार वह जगह है जहां समस्याओं को साझा कर हम हल्का महसूस कर सकते हैं और मिलकर रास्ता निकाल सकते हैं. -शिवाजी शिंदे, यमुनानगर, निगड़ी
समाधान की चाबी संवाद और धैर्य में है
हर परिवार में समस्याएं आती हैं. सबसे अहम बात यह है कि बात करने की कला सीखें. शांति से बात सुनें और फिर अपनी बात रखें. कोई भी समस्या ऐसी नहीं जिसे मिल-जुलकर हल न किया जा सके. घर का वातावरण शांत और सकारात्मक बनाकर ही परिवार को टूटने से बचाया जा सकता है. - राहुल शेंडगे, शाहूनगर, चिंचवड़
परिवार की शक्ति साथ रहने में है
आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हर घर में किसी न किसी प्रकार की समस्या रहती है. जरूरी है समय रहते उन पर खुलकर चर्चा हो. परिवार में संवाद होगा तो स्वास्थ्य, आर्थिक या मानसिक कोई भी संकट छोटा हो जाएगा. मिलकर खड़ा रहना ही परिवार की सबसे बड़ी ताकत है. - जगदीश बायद, रूपीनगर, निगड़ी