एरोसिटी में प्रभावित किसानों को मिलेंगे विकसित भूखंड

पुरंदर एयरपोर्ट क्षेत्र में 267 हेक्टेयर जमीन आरक्षित : एक हजार हेक्टर जमीन पर विस्तार कार्य होंगे

    21-Jul-2025
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पुणे, 20 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

प्रस्तावित पुरंदर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए प्रभावित किसानों को पुनर्वसन के तहत 10 प्रतिशत विकसित भूखंड दिए जाएंगे. यह लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जो भूमि अधिग्रहण के लिए सहमति देंगे. यह भूखंड ‌‘पहले आओ, पहले पाओ‌’ के आधार पर एरोसिटी में वितरित किए जाएंगे. सहमति प्रक्रिया आगामी सप्ताह से शुरू होने जा रही है, जिसकी जानकारी जिला प्रशासन ने दी है. इस परियोजना के लिए कुल 2673 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है. इसमें से 267 हेक्टेयर (667.5 एकड़) भूमि पुनर्वसन के लिए आरक्षित रखी जाएगी. हालांकि हवाई अड्डे के लिए लगभग 1500 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, अधिग्रहण उससे लगभग 1000 हेक्टेयर अधिक किया जाएगा. इसका उपयोग भविष्य में विस्तार कार्यों के लिए किया जाएगा. बिना सहमति वालों को नहीं मिलेगा भूखंड पूर्व अधिसूचना के अनुसार, किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले 2013 के कानून के अनुसार मुआवजा दिया जाना था. लेकिन हाल ही में मुंबई में हुई बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों की मांग को मानते हुए 2019 का एमआईडीसी कानून लागू करने का निर्णय लिया, जिससे पुनर्वसन का मार्ग प्रशस्त हुआ्‌‍. इसके तहत सहमति देने वाले किसानों को ही विकसित भूखंड यानी अधिग्रहित भूमि का 10 प्रतिशत हिस्सा पुनः प्रदान किया जाएगा. वहीं, जो किसान सहमति नहीं देंगे, उन्हें केवल भूमि के बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा ही मिलेगा. जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई नोटिस पर किसानों ने कुल 2163 आपत्तियां दर्ज की थीं, जिनकी सुनवाई लगभग एक माह चली. प्रशासन के अनुसार, सात गांवों में कुल 3266 गट (गट नंबर) हैं, जिनमें 13,300 खातेदार शामिल ह्‌ैं‍. उनमें से केवल 2451 खातेदारों ने ही 2163 आपत्तियां दर्ज की थीं, जबकि 10,849 खातेदारों ने कोई आपत्ति नहीं जताई्‌‍. इस
का सीधा अर्थ है कि 82 प्रतिशत किसान भूमि अधिग्रहण का समर्थन कर रहे हैं, और केवल 18 प्रतिशत किसान ही विरोध में हैं.
 
प्राथमिकता वाले किसानों को मिलेंगे महत्वपूर्ण भूखंड
 
 जिला प्रशासन द्वारा सहमति के लिए किसानों को नोटिस भेजी जाएगी. इसमें पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. सहमति पत्र जिला अधिकारी कार्यालय एवं पुरंदर तहसीलदार कार्यालय (सासवड़) में अगले सप्ताह से स्वीकार किए जाएंगे. ‌‘पहले आओ, पहले पाओ‌’ के आधार पर सहमति ली जाएगी और उसी अनुसार भूखंडों का आवंटन किया जाएगा. एरोसिटी में इन विकसित भूखंडों की स्थापना की जाएगी