आज से शुरू हाे रहा संसद सत्र 21 अगस्त तक चलेगा

    21-Jul-2025
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sansad
 
आज साेमवार से शुरू हाे रहा संसद का मानसून सत्र जाे कि 21 अगस्त तक चलेगा.इस सत्र में करीब 17 विधेयक पेश हाेंगे.रविवार काे हुई सर्वदलीय बैठक में विभिन्न मुद्दाें पर चर्चा हुई. सत्र के शुरू हाेते ही विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर, बिहार में मतदाता सूची संशाेधन, बढ़ते अपराध, जस्टिस वर्मा के नाेटकांड सहित अन्य मामलाें काे लेकर घेरने के लिए तैयार है.संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा-संसद चलाना सभी दलाें की जिम्मेदारी हाेती है. सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है. विस्तार से प्राप्त खबराें के अनुसार संसद के मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले रविवार काे सभी दलाें की बैठकहुई. केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग डेढ़ घंटे से ज्यादा चली. बैठक में सभी दलाें के सदस्याें ने अपनी-अपनी बात रखकांग्रेस सांसद गाैरव गाेगाेई ने कहा- इस सत्र में हम पहलगाम, सीमाओं पर संघर्ष, ट्रम्प का सीजफायर दावा, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) जैसें मुद्दाें काे उठाएंगे. सरकार के प्रमुख प्रधानमंत्री की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे संसद के जरिए इन मुद्दाें पर देश काे जानकारी दें.
 
उनमें राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष (संरक्षण और रखरखाव) विधेयक, खानऔर खनिज (विकास और विनियमन) संशाेधन विधेयक, और राष्ट्रीय डाेपिंग राेधी (संशाेधन) विधेयक प्रमुख हैं.संसद का मानसून सत्र शुरू हाेने से पहले शनिवार काे इंडिया गठबंधन की पार्टियाें ने ऑनलाइन मीटिंग की.इसमें 24 दलाें के नेता शामिल हुए. इस दाैरान संसद में सरकार के खिलाफ एकजुट हाेकर मुद्दे उठाने की रणनीति बनाई गई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, साेनिया गांधी, राहुल गांधी और सीपीआई (एमएल) के नेता दीपंकर भट्टाचार्य भी माैजूद थे. नेताओं ने तय किया कि संसद में वे एकजुट रहेंगे और सरकार से तीखे सवाल पूछेंगे. नेताओं ने एकमत हाेकर 8 प्रमुख मुद्दे तय किए हैं. इनमें पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर, डाेनाल्ड ट्रंप का सीजफायर करवाने का बयान, बिहार में डखठ, विदेश नीति (पाकिस्तान, चीन, गाजा)डलिमिटेशन का सवाल और दलित, आदिवासी, पिछड़े, महिला व अल्पसंख्यक वर्गाें पर हाे रहे अत्याचार शामिल हैं. इसके अलावा विपक्ष अहमदाबाद प्लेन हादसे जैसे अन्य मामलाें पर भी सरकार से जवाब मांगेगा. बैठक में नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं संसद सुचारू रूप से चले, लेकिन माेदी सरकार काे इन विषयाें पर जवाब देना ही हाेगा.