नई दिल्ली, 22 जुलाई (आ. प्र.) भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी बीमा सखी योजना को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण विकास विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. बीमा वितरण में महिलाओं को पैर जमाने में मदद करने के लिए डिजाइन की गई, बीमा सखी योजना महिलाओं के लिए एक प्रदर्शन-उन्मुख वजीफा-युक्त एलआईसी एजेंसी कैरियर है, जिसमें एलआईसी एजेंट के लिए उपलब्ध सभी अन्य लाभ और विशेषाधिकार भी उन्हें प्रदान किए जाते हैं. कुछ नियमों और शर्तों के अधीन, पहले एजेंसी वर्ष में मासिक वजीफा 7,000, दूसरे एजेंसी वर्ष में 6,000 और तीसरे एजेंसी वर्ष में 5,000 है. ‘बीमा सखी योजना’ का उद्देश्य है ग्रामीण महिलाओं को एलआईसी एजेंट के रूप में तैयार करना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना.
इस योजना के तहत महिलाएं न केवल बीमा योजनाएं बेच सकेंगी, बल्कि अपने गांव की दूसरी महिलाओं और परिवारों को भी जीवन बीमा के महत्व के बारे में जागरूक कर सकेंगी. एलआईसी इन महिलाओं को प्रदर्शन के आधार पर मानदेय (स्टाइपेंड) देती है. साथ ही उन्हें एलआईसी एजेंट बनने पर मिलने वाले सभी लाभ, जैसे कमीशन, बोनस, ट्रेनिंग, और पदोन्नति के अवसर भी मिलते हैं. इस योजना का सीधा फायदा उन महिलाओं को मिलेगा जो आमतौर पर घरेलू कामकाज तक सीमित रहती हैं. ||\\अब वे अपने गांव में ही काम कर आर्थिक सहयोगी बन सकेंगी, अपनी पहचान बना सकेंगी और अपने परिवार की घरेलू आय में बढ़ोतरी कर पाएंगी. एलआईसी ने कहा है कि ‘बीमा सखी’ योजना के उद्देश्य ग्रामीण विकास मंत्रालय की ‘दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (D AYNRLM)’ से पूरी तरह मेल खाते हैं. यह मिशन पहले से ही गांवों में महिलाओं को स्वरोजगार और आजीविका के अवसर देने का काम कर रहा है. अब इस साझेदारी से गांव की महिलाओं को न केवल काम मिलेगा, बल्कि वे अपने गांव के लोगों को बीमा सुरक्षा देने में भी मदद करेंगी.