छावा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय घाड़गे पाटिल से बुरी तरह से की गई मारपीट के बाद मामले के आराेपी सूरज चव्हाण सहित 9 पदाधिकारियाें ने पुलिस के सामने आधी रात काे आत्मसमर्पण कर दिया है और कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली.सूरज चव्हाण समेत 9 लाेगाें ने लातूर के विवेकानंद पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया था. उन्हें सुबह ज़मानत पर रिहा भी कर दिया गया. चूंकि इन सभी मामलाें में अत्यधिक गाेपनीयता बरती गई है, इसलिए इस संबंध में एक बार फिर विवाद उत्पन्न हाेने की संभावना है. आराेपियाें का झटपट आत्मसमर्पण और सुबह के समय उनकी जमानत काे लेकर विजय घाड़गे ने पुलिस पर गंभीर आराेप लगाये हैं. घाड़गे का आराेप है कि पुलिस ने धन-बल के दबाव में चव्हाण और उसके गुर्गाें काे बचाने की काेशिश की है. इस मामले में पुलिस द्वारा अत्यधिक गाेपनीयता बरते जाने से विवाद गहराने की संभावना जताई जा रही है.
पिछले दाे दिनाें से पुलिस की 2 टीमें सूरज चव्हाण और उसके साथियाें की तलाश कर रही थीं. इस मामले में 11 लाेगाें के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने मंगलवार काे इस मामले में 2 लाेगाें काे हिरासत में लिया था.इसके बाद सूरज चव्हाण और 9 अन्य आराेपियाें ने आधी रात काे पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की. उन्हें भी सुबह ज़मानत दे दी गई.पुलिस उपाधीक्षक रणजीत सावंत ने मीडिया काे बताया कि इस घटना की जांच चल रही है. अब यह आराेप लगाया जा रहा है कि लातूर पुलिस इन सभी मामलाें में सूरज चव्हाण का साथ दे रही है. इन सभी मामलाें में बरती गई अत्यधिक गाेपनीयता के कारण कई लाेगाें ने इस पर संदेह व्यक्त किया है. इसलिए, अब इस मामले में एक बार फिर विवाद खड़ा हाेने की संभावना है.इस मामले में, छावा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष और मारपीट का शिकार हुए व्यक्ति विजय घाड़गे ने लातूर पुलिस पर कई गंभीर आराेप लगाए हैं. घाड़गे ने आराेप लगाया कि यह सब मनगढ़ंत है. इन सभी मामलाें में सूरज चव्हाण काे बचाया जा रहा है.