वर्ष 2024-25 के मूल्यांकन चक्र में अधिकांश भारतीय पेशेवराें काे वेतन वृद्धि ताे मिली, लेकिन यह उनके रुकने का कारण नहीं बन पाई. foundit Appraisal Trends Report 2025 के अनुसार, 74% कर्मचारियाें काे बढ़ाेतरी दी गई, फिर भी 86% कर्मचारी अब भी नई नाैकरी की तलाश में हैं. यह ट्रेंड साफ ताैर पर दिखाता है कि महज सैलरी बढ़ाेतरी अब टैलेंट काे राेक नहीं पा रही है.सर्वे के मुताबिक अधिकांश वेतनवृद्धियां 5% से 10% के बीच रहीं. केवल कुछ ही लाेगाें काे 20% से अधिक बढ़ाेतरी मिली.दिलचस्प बात यह रही कि जिन कर्मचारियाें काे 20% या उससे अधिक की सैलरी वृद्धि भी मिली, उनमें से भी 86% ने कहा किवे अब भी नाैकरी बदलना चाहते हैं. इसका मतलब यह है कि कर्मचारी केवल सैलरी के आधार पर अब अपने फैसले नहीं ले रहे हैं. केवल 32% प्रतिभागियाें ने माना कि उन्हें मिली बढ़ाेतरी उनकी उम्मीदाें पर खरी उतरी, जबकि 36% ने पूरी मूल्यांकन प्रक्रिया काे प्रभावी बताया. विज्ञापन और मीडिया सबसे अधिक प्रभावित सेक्टर रहे, जहां 41% कर्मचारियाें काे काेई भी वेतन वृद्धि नहीं मिली.