भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपाेर्ट के अनुसार, दक्षिण पश्चिम रेलवे ने 6 वर्षाें तक 2 प्रतिशत से भी कम क्षमता वाली ट्रेन का संचालन किया, जिसके परिणामस्वरूप उसे 17.47 कराेड़ रुपये का नुकसान हुआ. संसद में पेश की गई कैग रिपाेर्ट में कहागया है कि यह ट्रेन अप्रैल 2017 से मार्च 2023 तक बेंगलुरु और श्री सत्य साईं प्रशांति निलयम स्टेशनाें के बीच चलाई गई थी.
पूरी रिपाेर्ट में देश भर के विभिन्न रेलवे ज़ाेनाें के 25 ऑडिट निष्कर्ष शामिल थे, जिनमें 543.17 कराेड़ के कम या अधिक भुगतान के मामलाें की ओर इशाराकिया गया था.दक्षिण पश्चिम रेलवे ज़ाेन के अंतर्गत आने वाले बेंगलुरु डिवीजन के परिचालन विभाग के निष्कर्षाें में से एक ने सुझाव दिया कि कम यात्रियाें की संख्या की जानकारी हाेने के बावजूद, ज़ाेनल मुख्यालय औरेल मंत्रालय, दाेनाें ने काेई सुधारात्मक उपाय नहीं किए.रिपाेर्ट में कहा गया है कि रेल मंत्रालय के निर्धारित मानदंडाें के अनुसार, यदि दाेनाें दिशाओं में पूरे वर्ष के लिए कमाई की संभावना औसतन 30 प्रतिशत से कम है, ताे ज़ाेनल रेलवे ऐसी ट्रेनाें काे रद्द करने के लिए शाॅर्टलिस्ट कर सकता है और अंतिम निर्णय के लिए रेलवे बाेर्ड काे प्रस्ताव भेज सकता है.ऑडिट के अनुसार, उक्त ट्रेन चेन्नई सेंट्रल स्टेशन और श्री सत्य साईं प्रशांति निलयम स्टेशन के बीच केएसआर बेंगलुरु स्टेशन हाेते हुए चलती थी और एसबीसी स्टेशन और एसएसपीएन स्टेशन के बीच दाेनाें दिशाओं में इसे कम यात्री मिले.