बाणेर, 24 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क )
पुणे क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी डॉ. अर्जुन देवरे ने कहा कि पासपोर्ट एजेंट और दलाल ई- पासपोर्ट की शुरुआत का फायदा उठाकर यह झूठी सूचना फैला रहे हैं कि नियमित पासपोर्ट अब वैध नहीं हैं. लेकिन नियमित (बगैर-चीप) पासपोर्ट वैध है, यह स्पष्टीकरण भी उन्हौंने दिया. निहित स्वार्थ के कारण अनावश्यक रूप से धन कमाने की कोशिश दिखाई दे रही है और ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां नागरिकों को गुमराह किया गया कि उन्हें अपने मौजूदा वैध पासपोर्ट को तुरंत ई-पासपोर्ट से बदलवाना चाहिए. ऐसे तरह लोगों के बीच गलत सूचनाएं फैला रहे हैं. वैध पासपोर्ट वाले नागरिकों को बताया जा रहा है कि उनके दपतावेज अब वैध नहीं हैं क्योंकि पासपोर्ट कार्यालय अब ई-पासपोर्ट जारी कर रहे हैं. डॉ. देवरे ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व - कुछ एजेंट जो नए आवेदक बनाना चाहते हैं - इस तरह की गलत सूचना फैला रहे हैं. यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब पुणे क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) ने मई 2025 के पहले हरते से केवल ई-पासपोर्ट जारी करने की शुरुआत कर दी है, जिससे यह पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 के तहत नई तकनीक लागू करने वाले भारत के प्रमुख पासपोर्ट कार्यालयों में से एक बन गया है. डॉ. देवरे ने बताया कि मई के पहले हरते से हम जो भी पासपोर्ट जारी कर रहे हैं,

वे सभी ई-पासपोर्ट हैं. पुणे क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय प्रमुख डॉ. अर्जुन देवरे ने कहा कि नागरिकों को इन भ्रामक दावों में नहीं पड़ना चाहिए. जब तक आपका पासपोर्ट क्षतिग्रस्त या अमान्य न हो, तब तक यह उपयोग के लिए पूरी तरह स्वीकार्य है. केवल वे लोग जिन्हें वास्तव में नए पासपोर्ट की आवश्यकता है, जिनके पासपोर्ट की समय सीमा समाप्त हो गई है, पृष्ठ समाप्त हो गए हैं या दपतावेज क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें आवेदन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नागरिकों को केवल ई-पासपोर्ट की नवीनता के लिए आवेदन नहीं करना चाहिए. विदेश मंत्रालय के अनुसार, पिछले पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 1.0 के तहत जारी किए गए सभी नियमित पासपोर्ट पूरी तरह से वैध हैं और पासपोर्ट अधिनियम, 1967 के तहत सामान्य वैधता अवधि और अन्य प्रावधानों के अधीन, यात्रा उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जा सकते हैं.
पुणे क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में ई-पासपोर्ट की शुरुआत इस तकनीक के देशव्यापी विस्तार का हिस्सा है, जिसे पिछले साल नागपुर और भुवनेेशर के छोटे कार्यालयों में शुरू किया गया था और फिर प्रमुख क्षेत्रीय कार्यालयों में विस्तारित किया गया था. डिजिटल नामकरण के बावजूद, ई-पासपोर्ट अभी भी नियमित पासपोर्ट के समान ही भौतिक पुस्तिकाएं हैं, जिनमें एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त सुविधा है. एक एम्बेडेड रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप है, जो पासपोर्ट डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहित करती है
. ई-पासपोर्ट शब्द का अर्थ यह नहीं है कि इसे मोबाइल फोन या किसी डिजिटल डिवाइस पर डाउनलोड किया जा सकता है. डॉ. देवरे ने बताया कि अंतर केवल इतना है कि इसमें एक अंतर्निहित चिप होती है. पुस्तिका के मुखपृष्ठ पर एक विशिष्ट चिप लोगो होता है, हालांकि वास्तविक चिप अंदर एक अलग पृष्ठ पर स्थित होती है. डेबिट कार्ड में इस्तेमाल होने वाली चिप तकनीक के समान है, यह चिप तकनीक इमिग्रेशन काउंटरों पर स्वचालित पहचान सत्यापन को सक्षम बनाती है और छेड़छाड़ को बेहद मुश्किल बनाकर सुरक्षा को काफी बढ़ा देती है.