अंतरराष्ट्रीय मास्टर 19 साल की दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व चेस कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झाेंगयी टैन काे हरा दिया और मिनी मैच 1.5-0.5 से जीतकर फाइनल में प्रवेश किया. इस प्रक्रिया में दिव्या कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने वाली पहली भारतीय बन गईं. महिला कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट अगले साल हाेना है और उस टूर्नामेंट से माैजूदा महिला विश्व चैंपियन वेनजुन जू के प्रतिद्वंदी का फैसला हाेगा.दिलचस्प बात यह है कि दिव्या पहली बार विश्व कप में हिस्सा ले रही हैं. चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जाेनर झू और तत्कालीन हमवतन ग्रैंडमास्टर डी हरिका काे क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद दिव्या ने इस प्रतियाेगिता में अपना दबदबा बरकरार रखा और टैन के खिलाफ 101 चाल में जीत उनके बढ़ते शतरंज काैशल का प्रमाण था. दूसरे सेमीफाइनल में काेनेरू हम्पी ने 75 चाल में चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई के साथ ड्राॅ खेला. हम्पी अब छाेटे प्रारूप में लेई के खिलाफ टाई-ब्रेकर खेलेंगी.
नाै दिसंबर 2005 काे नागपुर में जन्मीं दिव्या ने 5 साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दिया था. उनके माता-पिता डाॅक्टर हैं. उनके पिता का नाम जितेंद्र और माता का नाम नम्रता है. दिव्या ने 2012 में 7 साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती. इसके बाद उन्हाेंने अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) कैटेगरी में विश्व युवा खिताब भी जीते. इसके बाद 2014 में डरबन में आयाेजित अंडर-10 वर्ल्ड यूथ टाइटल और 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में भी खिताब अपने नाम किए. उनकी निरंतर प्रगति ने उन्हें 2021 में महिला ग्रैंडमास्टर बना दिया और इसके साथ ही वह विदर्भ की पहली और देश की 22वीं महिला खिलाड़ी बनीं जिन्हाेंने यह उपलब्धि हासिल की.नंबर एक खिलाड़ी हाेउ यिफान काे दे चुकीं हैं मात दिव्या देशमुख इस साल फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी हाेउ यिफान काे मात दे चुकी हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने भी उनकी तारीफ की थी. दिव्या ने 10 से 16 जून काे लंदन में आयाेजित फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चीन की यिफान काे हराया था.