भायखला स्टेशन पर विरासत महोत्सव का आयोजन

    25-Jul-2025
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मुंबई, 24 जुलाई (वि.प्र.)
मध्य रेल के सभी पांच मंडलों में स्टेशन महोत्सव समारोहों का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत कुल 15 स्टेशनों को चुना गया है. इसी कड़ी में, मुंबई के ऐतिहासिक भायखला स्टेशन पर आयोजित महोत्सव समारोह विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसने इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया. भायखला स्टेशन, जो भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है और 1853 से परिचालन में है, 16 अप्रैल 1853 को बोरीबंदर से ठाणे तक चली भारत की पहली ट्रेन के शुरुआती पड़ावों में से एक था. 1891 में निर्मित इसका वर्तमान भवन विक्टोरियन वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. स्टेशन महोत्सव के तहत भायखला स्टेशन को भव्य सजावट और आकर्षक रंगोलियों से सजाया गया था. समारोह का मुख्य आकर्षण एक विरासत प्रदर्शनी थी, जिसमें ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (जेआईपीआर) युग से संबंधित विभिन्न कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं. पुराने भायखला स्टेशन के रेखाचित्रों और ेशेत-श्याम तस्वीरों ने दर्शकों को बीते युग की याद दिलाई. गन मेटल से बना एक जीआईपीआर मोनोग्राम और पुरानी टिकट विंडो फ्रेम, जो कुछ साल पहले तक भायखला स्टेशन का हिस्सा था, विशेष आकर्षण रहे. प्रदर्शनी में जीआईपीआर युग की बेंच, लोहे के स्लीपर, पुराने टेलीफोन उपकरण, पीतल के सरकारी मोहर, माप-तौल के बाट, गेट कीपर का बैज, पुरानी कैरिज और वैगन प्लेटें, रोटरी स्विच, इंजीनियरिंग लकड़ी का स्केल बॉक्स और पटरी बदलने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पुराने ट्रैक हैंड लीवर जैसी वस्तुएं भी शामिल थीं. जीआईपीआर युग के भाप इंजनों के लघु मॉडल ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया. इतिहास के साथ-साथ, प्रदर्शनी में वर्तमान वंदे भारत ट्रेनों का एक मॉडल और निकट भविष्य में चालू होने वाली बुलेट ट्रेन का एक मॉडल भी प्रदर्शित किया गया, जो भारतीय रेलवे के बदलते स्वरूप को दर्शाता है. आगंतुकों के लिए यादगार तस्वीरें लेने हेतु सेल्फी पॉइंट भी लगाए गए थे.