आयुष्मान स्कूल मिशन अब देश में लागू हाेगा

    28-Jul-2025
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केंद्र सरकार देश के 26 कराेड़ स्कूली बच्चाें की मानसिक और शारीरिक सेहत स्कूल में ही जांचने जा रही है. आयुष्मान भारत स्कूल स्वास्थ्य मिशन का पहला ट्रायल त्रिपुरा में सफल रहा है.इसके तहत 30 पैरामीटर पर स्कूल में ही 18 साल तक के बच्चाें की स्वास्थ्य माॅनिटरिंग की गई. इनमें चाेट, हिंसा, बेइज्जती, असुरक्षित संबंध, मानसिक और भावनात्मक डिसऑर्डर, आक्रामकता, हड्डियाें के विकार, दुबलापन-माेटापा, आंखाें की राेशनी, त्वचा राेग, खून ककमी आदि की जांच-परख हुईं. इससे बच्चाें की समय पर काउंसलिंग और मेडिकल जांचाें की राह खुली. इसलिए अब इसे देशभर में लागू करने की तैयारी शुरू हाे गई है. हालांकि 34 राज्याें व केंद्र शासित प्रदेशाें के 388 जिलाें के 30 हजार स्कूलाें में 1.50 कराेड़ बच्चाें पर भी ट्रायल चल रहे हैं.इसके परिणाम आने हैं.
 
यह मिशन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की संयुक्त पहल है, जिसे चरणबद्ध रूप से देशभर के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलाें में लागू किया जाना है. शुरुआत छाेटे राज्याें से हाेगी.दाेनाें मंत्रालयाें से जुड़े अधिकारियाें की मानें ताे कुछ छाेटे राज्याें जैसे पुद्दुचेरी, चंडीगढ़, मेघालय और मिजाेरम जैसे राज्याें में चालूवित्त वर्ष के दाैरान यह याेजना लागू हाेगी, क्याेंकि इन राज्याें में स्कूलाें की मैपिंग आसान है. देशभर में इसे लागू करने से पहले कुछ तकनीकी व व्यवहारिक समस्याएं दूर की जानी हैं.जैसे- हेल्थ एंड वेलनेस एंबेसडर नामित करने में कहीं महिला और पुरुष शिक्षकाें की पर्याप्त संख्या में कमी, वांक्षित उम्र (45 साल तक) का नहीं हाेना, वेलनेस डे (मंगलवार) का संतुलन नहीं बनना आदि. आयुष्मान स्कूल मिशन के तहत देशभर के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलाें में पढ़ने वाले बच्चाें की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाती है. इसमें आंखाें, दांताें, त्वचा, पाेषण और अन्य सामान्य राेगाें की जांच शामिल हाेती है.