निगड़ी, 2 जुलाई (आ.प्र.)
ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर अड़े हुए हैं. उनकी मांगें नहीं माने जाने पर उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला बरकरार रखा है. ट्रांसपोर्टरों की मांगों पर मंगलवार को मंत्री स्तर पर कोई समाधान नहीं निकला. इसलिए माल परिवहन करने वाले ट्रक, टैंकर, टेम्पो और ट्रेलर के ड्राइवर मंगलवार आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, ऐसा ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन, पुणे के अध्यक्ष दिलीप देशमुख ने बताया. इस बीच, इस हड़ताल के कारण ट्रांसपोर्टनगर में भारी वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. इस हड़ताल के कारण राज्य भर में खाद्यान्न, दूध, सब्जी, फूल और दवाई जैसी आवश्यक वस्तुओं का परिवहन ठप हो गया है. विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान शुरू हुई हड़ताल से सरकार पर दबाव बढ़ गया है.
क्यों की जा रही हड़ताल?
ट्रांसपोर्टर आधी रात से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, क्योंकि वे प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा ई-चालान वसूलने के लिए परेशान किए जाने से नाराज हैं. इस हड़ताल में पिंपरी-चिंचवड़ शहर के 700 ट्रांसपोर्टर शामिल हुए. इन ट्रांसपोर्टरों के 2,000 भारी वाहन मौके पर खड़े हैं. ई-चालान कार्य प्रणाली परिवहन व्यापारियों के लिए अनुचित है. इस संबंध में ट्रांसपोर्टर बचाव कार्रवाई समिति और महाराष्ट्र राज्य के सभी यात्री और माल परिवहन व्यापारियों की ओर से मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को कई बार जानकारी दी गई. हालांकि, राज्य सरकार ने इस गंभीर मुद्दे को नजरअंदाज कर दिया है. इस प्रणाली के अनुसार, ट्रांसपोर्टरों से जबरन जुर्माना वसूला जाता है. यह वसूली अन्यायपूर्ण है. -गौरव कदम, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ ट्रांसपोर्टर्स, पुण