सुप्रीम काेर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह काे कर्नल साेफिया कुरैशी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कड़ी फटकार लगाई. शीर्ष अदालत ने कहा कि सार्वजनिक माफी न मांगने पर शाह अदालत के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं और उनका आचरण उनकी मंशा व ईमानदारी पर संदेह पैदा करता है.जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जाॅयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि मंत्री का व्यवहार उनकी नीयत और ईमानदारी पर सवाल उठाता है. विजय शाह की ओर से पेश सीनियर वकील के.परमेश्वर ने बताया कि शाह ने सार्वजनिक माफी मांगी है, जाे ऑनलाइन उपलब्ध है और इसे अदालत के रिकाॅर्ड में दर्ज किया जाएगा.बेंच ने मंत्री के बयानाें की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल काे 13 अगस्त तक अपनी रिपाेर्ट साैंपने का निर्देश दिया.
अदालत ने बताया कि एसआईटी ने 87 लाेगाें से पूछताछ की है और वर्तमान में बयानाें की जांच कर रही है.अदालत ने कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिका, जिसमें विजय शाह के इस्तीफे की मांग की गई थी, पर विचार करने से इन्कार किया, लेकिन कहा कि याचिका में पिछले मामलाें से संबंधित कुछ आराेपाें की 3 सदस्यीय एसआईटी की ओर से जांच की जाएगी.शीर्ष अदालत ने सुनवाई 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित डखढ ने शीर्ष अदालत के आदेश का पालन किया.19 मई कसुप्रीम काेर्ट ने मंत्री शाह काे फटकार लगाई थी और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच के लिए डखढ का गठन किया था.
बता दें कि विजय शाह तब विवादाें में घिर गए जब एक वीडियाे में उन्हें कर्नल कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते दिखाया गया. कर्नल कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर के दाैरान मीडिया ब्रीफिंग में विंग कमांडर व्याेमिका सिंह के साथ देशव्यापी ख्याति प्राप्त की थी.मध्य प्रदेश हाई काेर्ट ने कर्नल कुरैशी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और गटर की भाषा का उपयाेग करने के लिए विजय शाह काे फटकार लगाई और पुलिस काे उनके खिलाफ दुश्मनी व नफरत फैलाने के आराेप में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया.कड़ी निंदा के बाद मंत्री शाह ने खेद व्यक्त किया और कहा कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से भी अधिक सम्मान करते हैं.