नागपुर से एक चाैंका देने वाली घटना सामने आई है, जहां केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग का एक क्लर्क शराब के नशे में सरकारी जिम्मेदारियाें काे ताक पर रखकर महत्वपूर्ण सरकारी फाइलाें काे कबाड़ी काे बेचते हुए कैमरे में कैद हुआ. इन फाइलाें में कराेड़ाें रुपये के कर रिकाॅर्ड समेत संवेदनशील दस्तावेज शामिल थे.आराेपी क्लर्क ने यह बहुमूल्य दस्तावेज मात्र 5,000 रुपये में कबाड़ी काे बेच दिए थे. यह लापरवाही न केवल प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि देश की कर प्रणाली की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंता उत्पन्न करती है. जब स्टाफ ने फाइलाें की कमी महसूस की और पता लगाया तब सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई, जिसमें माेहन गुंड नामक क्लर्क की चाैंकाने वाली हरकत सामने आई. उसे सिविल लाइंस में वीसीए के सामने स्थित सीजीएसटी रेंज ऑफिस से ऑफिस की फाइलाें के बंडल एक ऑटाे में भरते हुए देखा गया.
उसने कई बार ऑफिस से नीचे आकर गाेपनीय दस्तावेजाें काे ऑटाे में डाला. इन दस्तावेजाें में जीएसटी असेसमेंट, ऑडिट और कंप्लायंस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी शामिल थी. बाद में, इन फाइलाें काे एक कबाड़ी काे मात्र 5,000 रुपये में बेच दिया गया, जिसे इनके महत्व की जानकारी नहीं थी और उसने इन्हें रद्दी समझकर खरीद लिया. इसके बाद अधिकारियाें ने तुरंत कार्रवाई की, कबाड़ी काे ढूंढा और उसे पैसे देकर दस्तावेज़ वापस मंगवाए.इसके बाद सहायक आयुक्त साधीशकुमार थाेटा ने गाेंड काे सस्पेंड कर दिया. साथ ही आदेश दिया कि निलंबन के दाैरान गुंड काे हर दिन सीजीएसटी मुख्यालय में हाजिरी लगानी हाेगी.माेहन गुंड का आचरण पहले से ही विवादास्पद रहा है. उसे इंदाैर सीजीएसटी से बार-बार अनुशासनहीनता के कारण नागपुर स्थानांतरित किया गया था. पिता की मृत्यु के बाद उसे उनकी जगह नाैकरी मिली थी. नागपुर में उसका ट्रांसफर हुआ ताे सहकर्मियाें ने शिकायत की कि वह शराब के लिए पैसे मांगने और ड्यूटी से अक्सर गैरहाज़िर रहता था, जिससे उसका वेतन भी राेका गया था.