पुणे, 30 जुलाई (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
देश के सहकार क्षेत्र को एक नई दिशा देने वाला एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. पुणे स्थित वैकुंठभाई मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (VAMNICOM) को त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय (TSU) की आधिकारिक मान्यता प्राप्त हुई है. यह मान्यता पाने वाली देश की पहली सहकारी संस्था बनी है. केंद्रीय सहकार एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरलीधर मोहोल ने जानकारी दी कि वर्तमान में वैकुंठभाई मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान में चार दीर्घकालीन और छह अल्पकालीन कौशलवर्धक पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं. अब ये सभी पाठ्यक्रम त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के अंतर्गत मान्य माने जाएंगे.
खास बात यह है कि पारंपरिक सहकारी शिक्षा के साथ-साथ डिजिटल तकनीक आधारित सहकारी नवाचार, वित्तीय प्रबंधन और ग्रामीण विकास जैसे आधुनिक विषयों को भी इन पाठ्यक्रमों में सम्मिलित किया जाएगा. सहकार शिक्षा का विस्तृत ढांचा तैयार वैकुंठभाई मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान द्वारा फिलहाल जिन प्रमुख पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है, उनमें कृषि व्यवसाय प्रबंधन में 2 वर्ष का पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा, सहकारिता में 2 वर्ष की पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, सहकारी बैंकिंग व वित्त में 4 वर्ष की व्यवसायिक डिग्री और 9 महीने की सहकारी व्यवसाय प्रबंधन डिप्लोमा शामिल हैं.
इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को सैद्धांतिक आधार के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है. इसके अलावा संस्था सहकारी क्षेत्र में नेतृत्व और तकनीकी कौशल की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए छह अल्पकालीन प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी चला रही है. इनमें कृषि विपणन, मूल्य संवर्धन, दुग्ध प्रौद्योगिकी, कृषि उत्पादों की कीमत का पूर्वानुमान, युवा नेतृत्व और सामाजिक परिवर्तन, और सहकारिता के लिए सूक्ष्म अर्थशास्त्र जैसे विषय शामिल हैं. मोहोल ने बताया कि इन पाठ्यक्रमों का ढांचा युवा, ग्रामीण नेतृत्वकर्ता और सहकारी संस्थाओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिसमें व्यावहारिक ज्ञान, सहकारी मूल्य और बहुविषयक अध्ययन को प्राथमिकता दी गई है.
भविष्य को देखते हुए संस्था अब डिजिटल सहकारी संस्थाएं, सहकारी फिनटेक और टिकाऊ ग्रामीण उद्यमिता जैसे नवाचार विषयों पर केंद्रित पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रही है. वैकुंठभाई मेहता राष्ट्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान को मिली त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की मान्यता के बाद अब संस्था में अध्ययन के साथ-साथ सहकारी क्षेत्र से जुड़े शोध कार्यों को भी नई गति मिलेगी. इससे विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र प्राप्त होंगे और सहकारी शिक्षा का एक मजबूत राष्ट्रीय मंच स्थापित होगा.
सहकार से समृद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम
पुणे लोकसभा क्षेत्र में वर्षों से सहकार क्षेत्र के लिए कार्यरत वैकुंठभाई मेहता संस्था को त्रिभुवन सहकारी वेिशविद्यालय की देश में पहली मान्यता मिलना अत्यंत गौरव की बात है. इससे संस्था में पढ़ने वाले छात्रों को आधिकारिक वेिशविद्यालय की डिग्री मिलेगी और शोध को भी प्रोत्साहन मिलेगा. यह ग्रामीण युवाओं के लिए कॅरियर का एक बड़ा अवसर है और देश में सहकारिता से समृद्धि की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है.
- मुरलीधर मोहोल (केंद्रीय सहकार एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री)