दायरे से परे शिक्षा के बारे में सोचना जरुरी

पीजीकेएम के प्रेसिडेंट नितिनभाई देसाई ने संस्था के कार्यक्रम में मार्गदर्शन करते हुए कहा

    31-Jul-2025
Total Views |
 
 da
बुधवार पेठ, 30 जुलाई
(आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
समाज के सभी स्तरों पर तेजी से बदलाव हो रहे हैं. इन बदलावों के साथसाथ नई समस्याओं का भी सामना हो रहा है. नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं. इन समस्याओं के समाधान और अवसरों का लाभ उठाने के लिए, दायरे से परे शिक्षा के बारे में सोचना जरुरी है, ऐसे विचार दि पूना गुजराती केलवणी मंडल के अध्यक्ष और प्रसिद्ध उद्यमी नितिनभाई देसाई ने रखे. वे हाल ही में आयोजित दि पूना गुजराती केलवणी मंडल के शताब्दी समारोह के शुभारंभ पर बोल रहे थे. इस अवसर पर चेयरमैन राजेश शाह, वाइस चेयरमैन जनक शाह, ट्रस्टी मोहन गुजराती, जीतेंद्र मेहता, किरीट शाह, सचिव हेमंत मणियार, संयुक्त सचिव विनोद डेडिया, संयुक्त सचिव संदीप शाह, कोषाध्यक्ष महेश धारोड़, संयुक्त सचिव दिलीप जागड़ और संयुक्त सचिव प्रमोद शाह मंच पर उपस्थित थे.
 
नितिनभाई देसाई ने कहा कि संस्था के नाम में केलवणी शब्द का अर्थ है शिक्षा और संचार. छात्रों पर अनावश्यक दबाव या तनाव डाले बिना, उनमें छिपे गुणों को विस्तार दिया जाना चाहिए. ट्रस्टी मोहन गुजराती ने कहा कि संस्था की शताब्दी एक पड़ाव मात्र है और यह अगली शताब्दी की ओर हमारा पहला कदम है. इस अवसर पर, भविष्य की दिशा पर चिंतन और विचार करना आवश्यक है. कार्यक्रम में एच. वी. देसाई महाविद्यालय के प्राचार्य राजेंद्र गुरव, संयुक्त सचिव प्रमोद शाह, प्रधानाध्यापिका प्राजक्ता भिड़े और अर्चना धारू ने भी विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम की प्रस्तावना राजेश शाह ने की. संचालन अनुजा सेलोट ने किया. जनक शाह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया.