मुंबई/कोंढवा, 3 जुलाई (आ. प्र.) मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोंढवा में बूचड़खाने को बंद करने का आदेश जारी किया गया है, क्योंकि बूचड़खाने से प्राप्त मल के नमूने सहमति पत्र में निर्धारित मानकों से अधिक थे. यह घोषणा उन्होंने विधान परिषद में की है. भाजपा विधान परिषद विधायक योगेश तिलेकर ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से पूछा था कि, क्या महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुणे मनपा को कोंढवा में बूचड़खाने को बंद करने के लिए नोटिस जारी किया है, क्योंकि वहां किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा, चूंकि प्रतिदिन बूचड़खाने में 150 पशुओं का वध किया जाता है, इसलिए स्थानीय नागरिकों को बदबू और अस्वास्थ्यकर स्थितियों के कारण काफी परेशानी हो रही है. इसके अलावा, क्या बूचड़खाने से निकलने वाला पानी सीधे पेयजल चैनलों में जाने से नागरिकों के स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है? जवाब में फडणवीस ने घोषणा की कि बूचड़खाना बंद कर दिया गया है. कोंढवा बूचड़खाना क्षेत्र में घरेलू बस्तियों से जल प्रदूषण और दुर्गंध के बारे में मिली शिकायतों के बाद, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 28 फरवरी, 2025 को बूचड़खाने का निरीक्षण किया था. इस निरीक्षण के दौरान अपशिष्ट जल के नमूने बूचड़खाने के सहमति पत्र में निर्धारित मानकों से अधिक पाए गए. इसलिए, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इस संबंध में बूचड़खाने को आदेश जारी किया गया. इसके बाद व्यक्तिगत सुनवाई के बाद 8 मई को बूचड़खाने को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.