हरियाणा की एक ऐसी ही दादी साबाे देवी जाे 77 साल की उम्र में भी अपने राॅकिंग स्टाइल से धूम मचा रही हैं. साेशल मीडिया पर उनके कारनामे देख हर काेई इन्हें राॅकिंग दादी कहकर बुलाता है. बेशक उनके हाथ में लाठी रहती है, लेकिन तैराकी में वह बड़े-बड़ाें काे मात देती हैं. 15 फीट गहरी नहर में पुल से छलांग लगाना उनका राेज का काम है.वह हरिद्वार में हरकी पैड़ी से तैरकर गंगा पार कर चुकी हैं. साबाे देवी इस उम्र में भी हर चुनाैती काे स्वीकार करती हैं. पिछले साल सर्दियाें में जब उनके पाेते ने पानी में बर्फ की सिल्ली डालकर उसमें कई घंटे तक लेटकर बर्फ चैलेंज किया था, ताे दादी ने भी जिद की और उसी टैंक में लेट गई थीं. इसमें उन्हाेंने पाेते काे हरा दिया था.
साेनीपत से 10 किलाेमीटर दूर गांव हुल्लेड़ी की रहने वाली साबाे देवी का जन्म गांव सिटावली में हुआ था.17 साल की उम्र में उनकी शादी हुल्लेड़ी गांव निवासी कृष्ण से हुई, जाे एक ट्रैक्टर मैकेनिक थे. कृष्ण का 2016 में देहांत हाे गया. उनके तीन बेटे सुभाष, संदीप, मंजीत और दाे बेटियां संताेष और शकुंतला हैं. सभी बच्चे शादीशुदा हैं. साबाे देवी अपने बीच वाले बेटे संदीप के पास रहती हैं.संदीप का ही बेटा है चिराग उर्फ खागड़, जाे दादी साबाे देवी के साथ साेशल मीडिया पर धूम मचा रहे हैं. गांव सिटावली के सामने से नहर निकलती है. वे बताती हैं कि बचपन में पशुओं काे नहलाने के दाैरान ही तैरना सीख लिया था. उन्हें खुद भी नहीं पता कि वह कब इतनी बेहतरीन तैराक बन गईं. बचपन से लेकर जवानी और अब वृद्धावस्था में भी अच्छे से तैराकी कर लेती हैं.