देश के ‘गरीब लाेगाें के लिए वरदान’ के रूप में प्रचारित की गई प्रधानमंत्री जनधन याेजना (पीएमजेडीवाई) सरकारी व बैंकिंग सिस्टम के लिए ही नासूर बनती जा रही है. ब्लैक मनी काे व्हाइट करने में यह जरिया बन सकते हैं.इस वजह से केंद्र सरकार 56 कराेड़ में से 11 कराेड़ जन-धन खाते बंद करेगी.लंबे समय से इनए्निटव रहने से इनका उपयाेग फर्जीवाड़े में हाेने की आशंका है. ये खाते मनी लाॅन्डिंग के लिए भी शातिर तरीके से इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इसलिए सरकार ने बैंकाें काे ऐसे सभी एकाउंट बंद करने का आदेश दिया है.दरअसल, केंद्र सरकार ने सरकारी बैंकाें काे सलाह दी है कि जाे खाते पीएम जन-धन याेजना के तहत् खाेले गए हैं और लंबे समय से इस्तेमाल नहीं हाे रहे हैं, उन्हें बंद कर दिया जाए.
सरकार काे जानकारी मिली है कि कई निष्क्रिय जन-धन खाताें का इस्तेमाल म्यूल अकाउंट यानी दूसराें के गलत पैसे रखने या भेजने के रूप में हाे रहा है.यानी इनका इस्तेमाल फर्जीवाड़ा और मनी लाॅन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा है. इससे साइबर फ्राॅड और धाेखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं. सरकार ने उन सभी खाताें काे बंद करने का निर्देश दिया है, जिनमें पिछले 24 महीनाें में काेई लेनदेन नहीं हुआ है.साल 2014 से अब तक कुल 55.7 कराेड़ जनधन खाते खुल चुके, जिनमें 2.3 लाख कराेड़ रुपए जमा हैं. इनमें से 31 कराेड़ खाताधारक महिलाएं हैं.
दिसंबर 2024 तक कुल खाताें में से 11.3 कराेड़ खाते (23%) इन-एक्टिव थे, जिन्हें बंद किया जाएगा. 11.3 कराेड़ खाताें में से ज्यादातर इनएक्टिव अकाउंट ्रामीण इलाकाें के हैं. इनमें से कई खाताें का कभी भी नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं हुआ. जिन खाताें काे दाेबारा चालू नहीं किया गया, उन्हें सुरक्षित ढंग से बंद किया जाएगा. ग्रामीण व अर्धशहरी इलाकाें के कई खाताधारक जान-बूझकर खाते इस्तेमाल नहीं करते, ऐसे में उनके खाते बंद हाेंगे. जिनके खाते बंद हाेंगे, वे सीधे डीबीटी, पेंशन या बीमा जैसी सुविधाएं लेकर प्रभावित हाे सकते हैं, लेकिन दूसरी ओर, धाेखाधड़ी या साइबर मनी लाॅन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल हाे रहे नकली खाताें का खतरा कम हाेगा