
रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया वित्त वर्ष 2026 में एनबीएफसी के लिए पर्यवेक्षी मानदंडाें काे सख्त कर सकता है उच्च ऋण दर, पाेर्टफाेलियाे परिवर्तन, अधिक ग्राहक शिकायतें, धाेखाधड़ी वाली एनबीएफसी आरबीआई के रडार पर आ सकती हैं विशेषज्ञाें का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वित्त वर्ष 2026 में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाें (एनबीएफसी) के लिए पर्यवेक्षी मानदंडाें काे कड़ा कर सकता है , विशेष रूप से बेस लेयर एनबीएफसी के लिए. ऐसे 8700 एनबीएफसी है. उन्हाेंने कहा कि ऐसी एनबीएफसी काे अधिक बार रिटर्न रिपाेर्ट दाखिल करने के लिए कहा जा सकता है (वर्तमान में बेस लेयर प्लेयर्स द्वारा वर्ष में एक या दाे बार रिटर्न दाखिल करने के स्थान पर) और नियामक व्यवसाय वृद्धि, अंडरराइटिंग की गुणवत्ता, मुख्य जाेखिम अधिकारी की नियुक्ति, तथा उच्च ग्राहक सेवा, अनुपालन और काॅर्पाेरेट प्रशासन मानकाें पर सख्त मानदंड लागू कर सकता है. एनबीएफसी के लिए उद्याेग निकाय एफआईडीसी के सीईओ रमन अग्रवाल ने कहा, बढ़ी हुई निगरानी की आवश्यकता हाे सकती है. इसमें बेस लेयर एनबीएफसी द्वारा साल में केवल एक या दाे बार रिटर्न दाखिल करने के माैजूदा प्रावधान के बजाय अधिक लगातार रिपाेर्टिंग शामिल हाे सकती है.