‌‘दगडूशेठ' गणपति मंदिर में अतिरुद्र महायज्ञ शुरू

वेिश शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना : वेदमूर्ति नटराज शास्त्री समेत 65 ब्रह्मवृंद शामिल

    09-Jul-2025
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बुधवार पेठ, 8 जुलाई (आ.प्र.)

श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट और सुवर्णयुग तरूण मण्डल की ओर से मंदिर में 21 दिवसीय अतिरुद्र महायज्ञ शुरू हो गया है. मंदिर में इसकी शुरुआत ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील रासने, संगीता रासने, कोषाध्यक्ष महेश सूर्यवंशी, ज्योति सूर्यवंशी, राजेशकुमार सांकला, रंजना सांकला के हाथों की गई. इस अतिरुद्र में 65 ब्रह्मवृंदों ने भाग लिया है. यह महायज्ञ 25 जुलाई तक प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगा. आयोजकों ने बताया कि अतिरुद्र यज्ञ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि सामूहिक आध्यात्मिक जागरण है. एक लघुरुद्र का अर्थ है 11 ब्रह्मवृंदों द्वारा 11 बार रुद्र का जाप करना. ऐसे 11 लघुरुद्र का अर्थ है 1 महारुद्र और ऐसे 11 महारुद्र का अर्थ होता है 1 अतिरुद्र पूरा होना. श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में ऐसे अतिरुद्र यज्ञ की शुरुआत हुई. मान्यता है कि अतिरुद्र की इस व्यापकता के कारण वातावरण शुद्ध होता है, सभी जीवों के रोग दूर होते हैं और सभी रोग दूर होते हैं. वेदों के अनुसार, यह यज्ञ व्यक्ति, परिवार और दुनिया में संतुलन और पवित्रता लाता है. जहां भी यह यज्ञ किया जाता है, वहां सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है. धार्मिक कार्यक्रमों में भाग ले अगले 20 दिनों में प्रतिदिन गणपति बाप्पा के लिए ब्राह्मणस्पति सूक्त अभिषेक और गणेश यज्ञ, भगवान शंकर के लिए रुद्र यज्ञ, भगवान सूर्य के लिए अरुणाप्रश्न यज्ञ, देवी दुर्गा के लिए दुर्गा यज्ञ, महालक्ष्मी यज्ञ, पार्वती स्वयंवर यज्ञ, भगवान विष्णु के लिए महासुदर्शन यज्ञ, संतान गोपाल कृष्ण यज्ञ, विष्णु सहस्रनाम अर्चना, और पुरुषसूक्त यज्ञ सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान सभा मंडप में किए जाएंगे. ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं से मंदिर में अतिरुद्र यज्ञ और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने की अपील की है.  
 
सभा मंडप में अतिरुद्र होम किया जा रहा : महेश सूर्यवंशी
महेश सूर्यवंशी ने कहा कि मंदिर के सभा मंडप में एक भव्य होमकुंड का निर्माण कर यह अतिरुद्र होम किया जा रहा है. पहले दिन महासंकल्प, नांदी श्राद्ध, वैष्णव श्राद्ध, पुण्याह वचन, महान्यास, गणेश अर्चना, रुद्र जाप, गणेश याग, रुद्र होम, नवग्रह होम किए गए.  
पिछले 4 वर्षों से यज्ञ का सिलसिला जारी : सुनील रासने
सुनील रासने ने कहा कि दीर्घकालिक और मानसिक बीमारियों से मुक्ति, नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना, पर्यावरण में असंतुलन को खत्म करना, प्राकृतिक आपदाओं में कमी, पूरे ब्रह्मांड में शांति और सद्भाव का निर्माण करना अतिरुद्र महायज्ञ के लाभ हैं. इसलिए, पिछले 4 वर्षों से दगडूशेठ गणपति मंदिर में यह यज्ञ किया जा रहा है.