विधानमंडल में मंगलवार काे सम्मानित किए जाने के बाद चीफ जस्टिस गवई ने अपने उद्गार व्यक्त किएउन्हाेंने कहा - माैलिक अधिकार और मार्गदर्शक तत्व संविधान की आत्मा हैं. मेरा यहां किया गया सत्कार मेरे लिए बहुत अहम है. इस विधानमंडल में मेरे पिता ने कई वर्षाें तक लाेकप्रतिनिधित्व किया. इस माैके पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा- चीफ जस्टिस गवई में मानवता एवं संवेदनशीलता का संगम देखने काे मिलता हैं. मुश्किल व जटिल मामलाें में उनके द्वारा किए गए सही न्याय उनकी विशेषता काे प्रदर्शित करते हैं.महाराष्ट्र विधानसभा की ओर से सुप्रीम काेर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई का अभिनंदन किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भाषण दिया. इस अवसर पर बाेलते हुए देवेंद्र फडणवीस ने भूषण गवई द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय पर टिप्पणी की. फडणवीस ने कहा, आज का क्षण बहुत खुशी का है, महाराष्ट्र का बेटा भूषण गवई भारत का मुख्य न्यायाधीश बना है.
इसलिए हमारी विधानसभा ने उनका अभिनंदन करने का निर्णय लिया है. फडणवीस ने कहा कि यह विधानसभा की ओर से, यानी महाराष्ट्र की जनता की ओर से अभिनंदन है. आगे फडणवीस ने कहा, उनमें सादगी यह है कि मैंने स्पीकर से पूछा कि आपने जाकर गवई साहब काे आमंत्रित किया या नहीं? उस समय स्पीकर ने कहा कि उन्हाेंने गवई साहब काे आमंत्रित करने के लिए बुलाया था, तब गवई साहब ने कहा कि मुझे आपका निमंत्रण मिल गया है. औपचारिकता की काेई आवश्यकता नहीं है. मुझे लगता है कि उनमें जाे भी सादगी है, हममें से कई लाेगाें का उनके पिता दादासाहेब गवई से जरुर जुड़ाव रहा हाेगा. दादा साहेब गवई बहुत बुद्धिमान और सबके साथ बहुत अच्छे संबंध रखने वाले दादा साहेब थे. यही गुण माननीय गवई साहब ने भी अपनाया है. वे मुख्य न्यायाधीश हैं, लेकिन वे कभी राजकाेष में नहीं गए.
भाेपाल हाइवे पर समाधान निकाला गया फडणवीस ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश गवई ने दिखाया है कि व्यापक जनहित काे कानून में समाहित किया जा सकता है. मुझे खास ताैर पर याद है कि उनके काम करने का तरीका अलग है. हाईकाेर्ट ने भाेपाल हाइवे पर राेक लगाई और पूछा कि इसमें जाे जंगल शामिल हैं,उसके बारे में क्या उपाय किए जाएं, लेकिन केंद्रीय वन विभाग की लागत मूल सड़क से दाेगुनी थी. इस वजह से हर दिन बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हाेती थीं, लाेग मरते थे.गवई साहब उस बेंच पर आए. उन्हाेंने देखा कि इसका समाधान निकालना हाेगा.उन्हाेंने एक अलग निर्णय लिया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और देश के सड़क विकास मंत्री यानी गड़करी साहब, इन तीनाें की एक समिति बनाई जाएगी और इस पर समाधान निकाला जाएगा. उन्हाेंने कहा, उसके बाद सड़क काे मंजूरी दी गई.इस एक निर्णय से देश में सड़क के जाे काम वन विभाग की वजह से रुके हुए थे, उन्हें पूरा करने में मदद मिली.साथ ही, वन क्षेत्र पर भी काेई असर नहीं पड़ा.