केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चाैहान ने लाेकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा याेजना (पीएमएफबीवाई) के तहत बीमा कंपनियाें पर किसानाें का हजाराें कराेड़ रुपये बकाया है. यह सरकार द्वारा संचालित एक प्रमुख फसल बीमा याेजना है, जबकि समय पर मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.राष्ट्रीय लाेकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दिए गए आंकड़ाें के अनुसार, इस याेजना के तहत कई माैसमाें में कुल 5405 कराेड़ रुपये के दावे, या भुगतान के लिए कुल आवेदनाें का लगभग 6%, 2024 के खरीफ या ग्रीष्मकालीन बुवाई के माैसम तक लंबित थे.
फसल बीमा कार्यक्रम में भाग लेने वाली राज्य सरकाराें और बीमा कंपनियाें के बीच विवाद, बैंकाें द्वारा गलत या विलंबित बीमा प्रस्ताव और राज्याें द्वारा सब्सिडी का हिस्सा देरी से जारी करना, भुगतान न किए गए दावाें के प्रमुख कारण हैं.निचले सदन में प्रश्नकाल के दाैरान एक अलग टिप्पणी में कृषि मंत्री ने कहा कि भूमि मालिक अब उन काश्तकाराें और बटाईदाराें काे बीमा लाभ प्राप्त करने के लिए अधिकृत कर सकते हैं जिनके पास भूमि नहीं है, जाे कई कृषि कार्यकर्ताओं की लंबे समय से मांग रही है.प्रधानमंत्री फसल बीमा याेजना एक सब्सिडी वाली फसल बीमा याेजना है, जिसमें किसान फसल चक्र के आधार पर प्रीमियम का 1.5% से 2% तक भुगतान करते हैं.