श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी और अखिल मंडई मंडल इस वर्ष सम्मान के गणपति के पीछे विसर्जन जुलूस में शामिल होंगे

    01-Aug-2025
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पुणे, 31 जुलाई (आ.प्र.)

श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट और अखिल मंडई मंडल जो लक्ष्मी रोड से पुणे के भव्य गणेश विसर्जन जुलूस में शामिल होते हैं, दुनिया भर के गणेश भक्तों के लिए हर साल एक मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं. हालांकि, इस वर्ष खग्रास चंद्रग्रहण है और गणेशमूर्ति का विसर्जन अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर) की मध्यरात्रि 12 बजे तक करना शास्त्र अनुसार आवश्यक है. इसीलिए दोनों मंडलों ने इस वर्ष सम्मान के पांचों गणपति मंडलों के जुलूस के पीछे ही मुख्य विसर्जन जुलूस में शामिल होने का निर्णय लिया है. .यह निर्णय अगले साल से भी कायम रहेगा, यह जानकारी श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के उत्सव प्रमुख पुनीत बालन और अखिल मंडई मंडल के अध्यक्ष अण्णा थोरात ने गुरुवार (31 जुलाई) दोपहर 12:30 बजे पत्रकार भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता में दी. श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव जावले, अखिल मंडई मंडल के कोषाध्यक्ष संजय मते, सचिव वेिशास भोर और जिलब्या मारुति मंडल के अध्यक्ष भूषण पंड्या उपस्थित थे. पुनीत बालन ने कहा कि, सम्मान के पांचों गणपति हरसाल तिलक पुतला से मुख्य शोभायात्रा यानी जुलूस में शामिल होते है. उनके पीछे ही हम दोनो मंडलों ने विसर्जन जूलुस में शामिल होने का निर्णय लिया है. इस निर्णय को लेकर अन्य गणेश मंडलों कों भी सहयोग करने की अपील हम करना चाहते है. इससे पुलिस और प्रशासकिय व्यवस्था पर दबाव कम होगा. विसर्जन जुलूस भी समय पर समाप्त होगा. ढोलताशा पथकों की संख्या कम करने पर भी हम विचार कर रहे हैं. हम जल्द ही सम्मान के पांच गणपति मंडलों सहित प्रमुख मंडलों के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक भी करेंगे. हम उनसे विसर्जन जुलूस जल्दी समाप्त करने का भी अनुरोध करेंगे. अण्णा थोरात ने कहा, गणेशोत्सव एक धार्मिक त्यौहार है. गणेशोत्सव में सबसे महत्वपूर्ण दिवस अनंत चतुर्दशी का होता है. इस वर्ष अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर) के दूसरे दिन (7 सितंबर) खग्रास चंद्रग्रहण है. ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियों को ढकने की प्रथा है. इसलिए, अनंत चतुर्दशी के दिन रात के बारह बजे के भीतर श्रीं की मूर्ति का विसर्जन करना आवश्यक है. इसीलिए हमने इस वर्ष से सम्मान के पांच गणपति मंडलों के बाद विसर्जन जुलूस में भाग लेने का फैसला किया है. यह निर्णय अब से हर साल कायम रहेगा. अखिल मंडई मंडल के श्री के जुलूस में एक बैंड और ढोल ताशा पथक होगा. हम सम्मान के पांच गणपति मंडलों से अनुरोध करेंगे कि वे अपने जुलूस में पथकों की संख्या कम करें. हम जिलब्या मारुति मंडल और बाबूगेनु मंडल के अध्यक्षों के साथ भी चर्चा करेंगे कि विसर्जन जुलूस को जल्दी कैसे समाप्त किया जाए, इस पर भी हम चर्चा करेंगे. क्योंकि ग्रहण काल है, इसलिए हम सभी गणेशोत्सव मंडलों से भी अपील कर रहे हैं कि इस वर्ष जुलूस को जल्दी समाप्त करने का प्रयास करें.
 
श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के उत्सव प्रमुख पुनीत बालन ने कहा कि सम्मान के पांचों गणपति हर साल तिलक पुतला से मुख्य शोभायात्रा यानी जुलूस में शामिल होते हैं उनके पीछे ही हम दोनो मंडलों ने विसर्जन जूलुस में शामिल होने का निर्णय लिया है. इस निर्णय को लेकर अन्य गणेश मंडलों कों भी सहयोग करने की अपील हम करना चाहते है.
अखिल मंडई मंडल के अध्यक्ष अण्णा थोरात ने कहा कि इस वर्ष अनंत चतुर्दशी (6 सितंबर) के दूसरे दिन (7 सितंबर) खग्रास चंद्रग्रहण है. ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियों को ढकने की प्रथा है. इसलिए, अनंत चतुर्दशी के दिन रात के बारह बजे के भीतर श्रीं की मूर्ति का विसर्जन करना आवश्यक है. इसीलिए हमने इस वर्ष से सम्मान के पांच गणपति मंडलों के बाद विसर्जन जुलूस में भाग लेने का फैसला किया है. यह निर्णय अब से हर साल कायम रहेगा.