राज्य सरकार कुछ लाेकप्रिय याेजनाओं के कारण वित्तीय संकट में है.इसी के चलते, विधायकाें काे पिछले 10 महीनाें से काेई फंड नहीं मिला है, यह दावा सत्तारूढ़ शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने किया है.उनके इस दावे से सत्तारूढ़ महायुति गुट में खलबली मच गई है. ऐसी चर्चा है कि महाराष्ट्र सरकार की ‘लाडकी बहीण’ याेजना ने राज्य सरकार के खजाने में सेंध लगाई है. इस याेजना के तहत, लाभार्थी महिलाओं काे हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. महायुति सरकार की यह याेजना भले ही बेहद महत्वाकांक्षी हाे, लेकिन से लागू करने में सरकार काे कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. इसलिए, सरकार एक या दूसरे विभाग से पैसा निकालकर समय काटने की काेशिश कर रही है.इस मुद्दे पर राज्य के राजनीतिक गलियाराें में जहां गर्मागर्म चर्चा चल रही है, वहीं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने दावा किया है कि विधायकाें काे धन मिलने में दिक्कत आ रही है.
उन्हाेंने कहा कि राज्य सरकार कुछ लाेकप्रिय याेजनाओं के कारण वित्तीय संकट में है. इसी वजह से पिछले 10 महीनाें से एक भी विधायक काे धन नहीं मिला है. लेकिन मुख्यमंत्री और दाेनाें उपमुख्यमंत्री आने वाले दिनाें में राज्य की स्थिति सुधारने की काेशिश करेंगे.इस बीच, राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने गायकवाड़ के दावे काे खारिज कर दिया है. सरनाईक ने कहा कि सभी विधायकाें काे धन मिल रहा है. उन्हाेंने कहा कि विधायकाें काे धन न मिलने के दावे में काेई सच्चाई नहीं है. हमारे सभी विधायकाें काे धन दिया जा रहा है.विधायक संजय गायकवाड़ और मंत्री प्रताप सरनाईक के इन विराेधाभासी दावाें से साफ हाे गया है कि इस मुद्दे पर शिवसेना के भीतर मतभेद हैं.