बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) काे लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दाैरान सीनियर एडवाेकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम काेर्ट में कहा कि पहली ड्राफ्ट लिस्ट में 12 जीवित लाेगाें काे मृत दिखाया गया है.इसी महीने एसआईआर की पहली ड्राफ्ट लिस्ट जारी की गई है, जिसमें 65 लाख लाेगाें काे शामिल नहीं किए जाने का मुद्दा काेर्ट में उठाया गया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जाॅयमाल्या की बेंच ने मंगलवार (12 अगस्त) काे फिर से इस मामले में सुनवाई की. कपिल सिब्बल ने काेर्ट में कहा कि लिस्ट में 12 जीवित लाेगाें काे मृत बताया गया है, जिस पर चुनाव आयाेग की ओर से पेश हुए वकील रावेश द्विवेदी ने कहा, इतनी विस्तृत प्रक्रिया में छाेटी गलतियां संभव हैं. अंतिम लिस्ट में सुधार हाे जाएगा.
कपिल सिब्बल की दलीलाें पर सुप्रीम काेर्ट ने पूछा कि पीड़ित लाेग कहां हैं, उनकी लिस्ट दीजिए. अगर किसी काे मृत घाेषित किया गया और वाे जीवित है ताे हम चुनाव आयाेग से पूछेंगे. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि हर बूथ पर गड़बड़ी हाे रही है, ऐस में हम पीड़िताें का पता कैसे लगाएंगे. तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, लेकिन आप एसआईआर की शुरुआत पर ही सवाल उठा रहे हैं. इस पर कपिल सिब्बल ने कहा, मैं बस यह कह रहा हूं कि वे इस तरह नहीं कर सकते हैं. इस दाैरान एडवाेकेट गाेपाल शंकरनारायण ने काेर्ट की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि आपने कहा था कि अगर बड़ी संख्या में लाेगाें काे लिस्ट से हटाया गया ताे दखल देंगे. 65 लाख लाेग बाहर हैं. इस पर जज ने कहा कि स्थिति क्या है, यह बहस के दाैरान पता चलेगा.कपिल सिब्बल ने काेर्ट में यह भी कहा कि किसी का नागरिक और क्षेत्र का निवासी हाेना पर्याप्त है.