कबूतराें काे दाना खिलाने पर तुरंत नहीं लें फैसला : बाॅम्बे हाईकाेर्ट

    15-Aug-2025
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HC
बाॅम्बे हाईकाेर्ट ने बृहन्मुंबई मनपा काे निर्देश दिया कि वह मुंबई में प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच नियंत्रित कबूतराें काे दाना खिलाने की अनुमति देने के संबंध में काेई भी निर्णय लेने से पहले जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित करे.जस्टिस जीएस कुलकर्णी और आरिफ डाॅक्टर की खंडपीठ पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और दादर कबूतरखाना का प्रबंधन करने वाले जैन ट्रस्ट द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कबूतराें की बीट और पंखाें से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण कबूतराें के दाना खिलाने के मैदानाें पर बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ याचिकाएं दायर की गई थीं.बृहन्मुंबई मनपा द्वारा हाईकाेर्ट काे यह बताने के बाद कि उसने प्रतिदिन सुबह 2 घंटे कबूतरखाने में नियंत्रित कबूतराें काे दाना खिलाने की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है, पीठ ने जवाब दिया कि आप अभी ऐसा निर्णय नहीं ले सकते. इस पर अच्छी तरह विचार करना हाेगा. चूंकि कबूतराें काे दाना खिलाने पर प्रतिबंध लगाने और कबूतरखानाें काे बंद करने के निर्णय व्यापक जनहित में थे, इसलिए इनकी पवित्रता बनाए रखी जानी चाहिए.
 
हालांकि, राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता डाॅ. बीरेंद्र सराफ ने इस निर्दे श पर चिंता जताई. उन्हाेंने कहा कि अगर हम अधिकारियाें पर जनसुनवाई का बाेझ डालेंगे, ताे काम करना मुश्किल हाे जाएगा. सराफ ने डाॅक्टराें, मनपा नियाेजन विभाग के अधिकारियाें, सूक्ष्म जीव विज्ञानियाें और अन्य विशेषज्ञाें सहित 11 नामाें की एक सूची भी साैंपी, जिन्हें एक समिति में नियुक्त किया जाएगा जाे नागरिकाें के स्वास्थ्य पर कबूतराें काे दाना डालने के प्रभाव की जांच करेगी. उन्हाेंने कहा कि समिति काे 20 अगस्त तक अधिसूचित कर दिया जाएगा.राज्य भी जन स्वास्थ्य काे लेकर उतना ही चिंतित है. हम इस मामले में अंतिम निर्णय चाहते हैं. इन मुद्दाें पर चर्चा के लिए विशेषज्ञाें के विभिन्न निकायाें से सुझाव मांगे जाएंगे. याचिकाकर्ताओं से सुझाव पर्याप्त नहीं हाेंगे. हाईकाेर्ट मुंबई भर में कबूतराें काे दाना डालने पर प्रतिबंध से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है.जैन समुदाय के सदस्याें द्वारा धार्मिक परंपराओं का हवाला देते हुए इस प्रतिबंध का विराेध करने के बाद यह मामला एक बड़े विवाद में बदल गया.