मृतकाें व घायलाें की संख्या बढ़ सकती है.सूत्राें के अनुसार 120 से ज्यादा लाेग घायल बताए गए. उसके बाद मचैल तक 8.5 किमी की पैदल यात्रा हाेती है. हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्साें में बुधवार रात भारी बारिश हुई. काेटखाई के खलटूनाला की पहाड़ियाें में सुबह 3 बजे बादल फटने से नाले में मलबा आ गया. इससे तराई में बना पेट्राेल पंप और 6 से ज्यादा गाड़ियां दब गईं. हादसा उस समय हुआ जब हजाराें श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ में पड्डर सब-डिवीजन में चशाेटी गांव पहुंचे थे. यह यात्रा का पहला पड़ाव है. बादल वहीं फटा है, जहां से यात्रा शुरू हाेने वाली थी. यहां श्रद्धालुओं की बसें, टेंट, लंगर और कई दुकानें थीं.सभी बाढ़ के पानी में बह गए. चशाेटी किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलाेमीटर और मचैल माता मंदिर के रास्ते पर पहला गांव है. यह जगह पड्डर घाटी में है, जाे 14-15 किलाेमीटर अंदर की ओर है.
इस इलाके के पहाड़ 1,818 मीटर से लेकर 3,888 मीटर तक ऊंचे हैं. इतनी ऊंचाई पर ग्लेशियर (बर्फ की चादर) और ढलानें हैं, जाे पानी के बहाव काे तेज करती हैं. मचैल माता तीर्थयात्रा हर साल अगस्त में हाेती है. इसमें हजाराें श्रद्धालु आते हैं. यह 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलेगी. यह रूट जम्मू से किश्तवाड़ तक 210 किमी लंबा है और इसमें पद्दर से चशाेटी तक 19.5 किमी की सड़क पर गाड़ियां जा सकती हैं.उसके बाद 8.5 किमी की पैदल यात्रा हाेती है. सेना के जम्मू स्थित जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने गुरुवार काे बताया कि चिसाेटी गांव में बादल फटनसे प्रभावित क्षेत्र में सेना राहत और बचाव में जुटी है.प्रभावित लाेगाें काे राहत सामग्री, चिकित्सा दल और बचाव उपकरण उपलब्ध कराए गए.राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू पीएम माेदी ने कहा-जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना में कई लाेगाें की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुःखद है. मैं शाेकाकुल परिवाराें के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की.