बिबवेवाड़ी, 14 अगस्त (आ.प्र.)
जैन धर्म में महामंगलकारी माने जाने वाले श्री उवसग्गहरं स्तोत्र के सामूहिक पठन का आयोजन रविवार (17 अगस्त) को किया गया है. रसिकलाल एम. धारीवाल फाउंडेशन द्वारा हर साल की तरह इसके लिए पहल की गई है. मान्यता है कि महामंगलकारी श्री उवसग्गहरं स्तोत्र के नियमित स्मरण से दृष्टिदोष, रोग-पीड़ा, शत्रु आदि सांसारिक दुख दूर होते हैं. जीव मात्र में सुख-समृद्धि आती है, ऐसी मान्यता है. इसी परंपरा के अंतर्गत, इस स्तोत्र के सामूहिक पठन का आयोजन फाउंडेशन द्वारा किया जाता है. आज के समय में ऐसे आयोजनों की विशेष आवश्यकता है, जो समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं.
इस वर्ष स्तोत्र पठन का नौवां वर्ष है. पहला आयोजन 2017 में दानवीर, आदरणीय रसिकलालजी धारीवाल की प्रमुख उपस्थिति तथा संत व साध्वी म. सा. के सान्निध्य में संपन्न हुआ था. यही परंपरा आगे बढ़ाते हुए, इस वर्ष भी आर. एम. धारीवाल फाउंडेशन की अध्यक्षा जान्हवी धारीवाल बालन एवं उपाध्यक्षा शोभा रसिकलाल धारीवाल के मार्गदर्शन में रविवार (17 अगस्त) को शाम 4 बजे सामूहिक पठन का आयोजन किया जा रहा है. श्रीमान रसिकलालजी एम. धारीवाल स्थानक भवन (यश लॉन्स, बिबवेवाड़ी) यह कार्यक्रम होगा, जिसमें आचार्य पद्मश्री चंदनाजी म.सा., पू. श्री मुकेश मुनिश्री म.सा., पू. श्री जयप्रभा विजयजी गुरुदेव म.सा. और पू. श्री आगमचंद्रजी स्वामी म.सा. की पावन उपस्थिति रहेगी.
- शोभा रसिकलाल धारीवाल उपाध्यक्षा, आर. एम. धारीवाल फाउंडेशन
जैन-अजैन सभी धर्मप्रेमियों को हार्दिक निमंत्रण
कार्यक्रम समय पर ठीक शाम 4 बजे आरंभ होगा. इसमें जैन-अजैन सभी धर्मप्रेमियों को, छोटे-बड़े, पूरे परिवार सहित सम्मिलित होकर इस महामंगलकारी स्तोत्र का लाभ लेने का निमंत्रण है. पुरुषों के लिए शुभ्र और महिलाओं के लिए केसरिया अथवा पीले वस्त्र धारण करना अनिवार्य होगा. कार्यक्रम के पश्चात चौविहार (भोजन) की व्यवस्था भी रहेगी.