शिवाजीनगर, 17 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट (SIBM), पुणे और इंस्टीट्यूट ऑफ रिस्क मैनेजमेंट (IRM) इंडिया एफिलिएट, जो एंटरराइज रिस्क मैनेजमेंट (ERM) शिक्षा में यूके स्थित वैेिशक अग्रणी संस्थान की भारतीय शाखा है, ने ग्लोबल प्रोग्राम इन एंटरराइज रिस्क मैनेजमेंट (GPERM्) शुरू किया है. यह एक वर्षीय, पूर्णकालिक, ऑन-कैंपस संयुक्त प्रमाणन पाठ्यक्रम है. यह पाठ्यक्रम किसी भी विषय में न्यूनतम 50% अंकों और 0-2 वर्ष के कार्य अनुभव वाले स्नातकों के लिए खुला है. प्रवेश ऑनलाइन रिस्क मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (RM TE) और उसके बाद व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर होगा. इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. शशांक शाह, निदेशक (विकसित भारत परिप्रेक्ष्य योजना एवं दूरदर्शिता, नीति आयोग) को आमंत्रित किया गया था. इस अवसर पर बोलते हुए, उन्होंने विकसित भारत के सपने को साकार करने में एक महत्वपूर्ण जीवन कौशल के रूप में जोखिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर प्रकाश डाला. आईआरएम इंडिया एफिलिएट के सीईओ और भारत के सबसे युवा उद्यम जोखिम विशेषज्ञ हर्ष शाह ने कहा कि जीपीईआरएम के माध्यम से, हम छात्रों को न केवल उनकी पहली नौकरी के लिए, बल्कि भविष्य के लिए भी तैयार कर रहे हैं. इससे उद्योगों में योग्य उम्मीदवारों की भारी मांग पूरी होगी \
छात्रों और उद्योग के लिए उपयोगी
डॉ. विद्या येरवडेकर (सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर) ने कहा कि सिम्बायोसिस के पाठ्यक्रम हमेशा हमारे शैक्षणिक कार्यक्रमों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के अनुरूप ढालने के लिए डिजाइन किए जाते हैं. जोखिम प्रबंधन वैेिशक व्यावसायिक रणनीति के केंद्र में आ रहा है. ऐसे समय में, दुनिया की अग्रणी ईआरएम पेशेवर संस्था - आईआरएम के साथ यह विशेष सहयोग निश्चित रूप से छात्रों और उद्योग के लिए उपयोगी होगा.