देशभर में हाल के महीनाें में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं और दिल्ली-एनसीआर भी इससे अछूता नहीं रहा है.इसी काे ध्यान में रखते हुए शुक्रवार काे दिल्ली के 11 जिलाें के 55 इलाकाें में एक बड़ी भूकंप माॅक ड्रिल की गई. इस ड्रिल का मकसद था कि अगर कभी असली भूकंप आए ताे लाेग घबराएं नहीं, समझदारी से काम लें और खुद काे सुरक्षित रखें. 1 अगस्त काे दिल्ली में सुबह 10 बजे भूकंप की स्थिति हाेने पर क्या हाेगा और क्या करना है उसकी ड्रिल की गई. माॅक ड्रिल दिल्ली के सभी 11 जिलाें, जैसे कि साउथ दिल्ली, वेस्ट दिल्ली, नाॅर्थ ईस्ट दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली आदि में की गई.ड्रिल में कुल 55 जगहाें पर लाेगाें काे सिखाया गया कि अगर भूकंप आए ताे क्या करें और क्या न करें, कैसे इमारत से बाहर सुरक्षित निकलें, कैसे घायलाें की मदद करें और कैसे बचाव दल की मदद करें.
इस ड्रिल में एनडीआरएफ पुलिस, दमकल, स्वास्थ्य विभाग और आम लाेगाें की अच्छी भागीदारी देखने काे मिली. 2024-2025 में ही दिल्ली-एनसीआर में 10 से ज्यादा बार हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप महसूस किए जा चुके हैं. इनमें से ज्यादातर झटके रात या सुबह के समय महसूस हुए और लाेगाें में दहशत का माहाैल बना. दिल्ली हिमालयी सिस्मिक बेल्ट के पास स्थित है और सिस्मिक जाेन-खत में आती है, जाे कि उच्च खतरे वाले भूकंपीय क्षेत्राें में गिना जाता है. दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र इंडाे-ऑस्ट्रेलियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टक्कर के प्रभाव में आता है, जिससे यहां अक्सर हल्के झटके आते रहते हैं. दिल्ली के नजदीकी इलाके जैसे हरियाणा का झज्जर, साेनीपत, पश्चिमी उत्तर प्रदेश (गाजियाबाद, मेरठ और उत्तराखंड की सीमा भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं.