पुणे घरों की बिक्री में देश का सबसे किफायती शहर बना

70 लाख से 2 करोड़ के घरों की मांग तीन गुना बढ़ी : मध्यम से प्रीमियम घरों की बिक्री और खरीद में 126% की वृद्धि क्रेडाई पुणे और सीआरई मैट्रिक्स रिपोर्ट में पुणे फिर से शीर्ष पर

    02-Aug-2025
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कैंप, 1 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

आवास बाजार में बिक्री के मामले में पुणे एक बार फिर भारत का सबसे किफायती और अग्रणी महानगर बनकर उभरा है. यह जुलाई 2025 में क्रेडाई पुणे और सीआरई मैट्रिक्स द्वारा संयुक्त रूप से जारी पुणे हाउसिंग रिपोर्ट 2025 से स्पष्ट है. यह रिपोर्ट सीआरई मैट्रिक्स के सीईओ अभिषेक गुप्ता, क्रेडाई पुणे के उपाध्यक्ष अरविंद जैन, जनसंपर्क समन्वयक कपिल गांधी, कार्यकारी सदस्य हिरेन परमार और डेटा विश्लेषक राहुल अजमेरा द्वारा एक विशेष कार्यक्रम में जारी की गई, जिसमें 100 से अधिक सदस्य बिल्डरों ने भाग लिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि पुणे महानगरीय क्षेत्र में 2025 की पहली छमाही में देश में सबसे अयादा घरों की बिक्री दर्ज की गई. लगभग 44,000 इकाइयों की बिक्री से 32,800 करोड़ रुपये के कुल कारोबार के साथ, पिछले तीन वर्षों में घरों की औसत कीमत में 27% की वृद्धि हुई है. पुणे का आवास बाजार 2021 में 36,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 65,000 करोड़ रुपये हो गया है, जो तीन वर्षों में 80% की भारी वृद्धि है. 2025 की पहली छमाही में ही, पुणे ने 33,000 करोड़ रुपये से अधिक का घर बिक्री मूल्य हासिल कर लिया है. पिछले पांच वर्षों से, पुणे ने भारत के प्रमुख महानगरों में सबसे अधिक घरों की बिक्री दर्ज करके अपनी बढ़त बनाए रखी है. इसका श्रेय इसकी किफायती दरों, उत्कृष्ट रहने की क्षमता और अच्छी तरह से सुसज्जित बुनियादी ढांचे को दिया जाता है. राजधानी न होने और बंदरगाह सुविधाओं के अभाव के बावजूद, पुणे ने आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखा है और प्रमुख महानगरों को पीछे छोड़ दिया है. क्रेडाई पुणे-सीआरई मैट्रिक्स रिपोर्ट को उद्योग जगत का सबसे वेिशसनीय विश्लेषण माना जाता है. यह रिपोर्ट महाराष्ट्र पंजीकरण एवं मुद्रांक विभाग (आईजीआर) और महाराष्ट्र रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (महारेरा) जैसे आधिकारिक सरकारी स्रोतों से प्राप्त सत्यापित आंकड़ों पर आधारित है. पुणे मेट्रो, रिंग रोड और नियोजित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसी नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ, पुणे सतत शहरी विकास का एक राष्ट्रीय मॉडल बनने की राह पर है. रिपोर्ट कहता है कि पुणे देश का दूसरा सबसे बड़ा वेयरहाउसिंग शहर है, जहां वर्तमान में 50 मिलियन वर्ग फुट का स्टॉक है और लगभग कोई रिक्त स्थान नहीं है. आगामी नया हवाई अड्डा और विभिन्न मनोरंजन स्थल पुणे की रियल एस्टेट और आर्थिक वृद्धि में योगदान देंगे. पुणे भारत के सभी महानगरों में सबसे अधिक मूल्य- वर्धित शहर बना हुआ है, जहां घर खरीदारों को अन्य शहरों की तुलना में अधिक लाभ मिलता है. जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है, समय पर परियोजना अनुमोदन, नीतिगत समर्थन और भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण इस प्रगति को और तेज कर सकता है. महंगे घरों का रुझान बढ़ा 2021 में 70 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों की बिक्री का हिस्सा 85% था, जो 2025 की पहली छमाही में घटकर 60% रह गया है. इसी तरह, 45 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों की बिक्री का हिस्सा भी 55% से घटकर 35% रह गया है. इस बदलाव के मुख्य कारण बढ़ती निर्माण लागत, जमीन की कीमतों में तेज वृद्धि और उपभोक्ताओं के बीच अयादा विशाल और उच्च गुणवत्ता वाले घरों की बढ़ती मांग हैं. इस बीच, पिछले चार वर्षों में 70 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये के बीच कीमत वाले घरों की मांग तीन गुना बढ़ी है. 70 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये और 1 से 2 करोड़ रुपये के सेगमेंट में बड़ी संख्या में नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं. पिछले तीन वर्षों में 1 करोड़ रुपये से अयादा कीमत वाले प्रीमियम और लग्जरी घरों की बिक्री दोगुनी हो गई है, जो बड़े और अयादा महंगे घरों की ओर रुझान को दर्शाता है. इस परिवर्तन को संचालित करने वाले प्रमुख क्षेत्र हैं, पीसीएमसी, पुणे उत्तर-पश्चिम (हिंजवड़ी आईटी पार्क क्षेत्र) और पुणे उत्तर-पूर्व (खराड़ी आईटी पार्क क्षेत्र) - जो कुल घरेलू बिक्री का 75% से अधिक हिस्सा हैं.
 
बाधाओं को दूर किया जा रहा
जनवरी से जून 2025 के बीच पुणे में नई आवासीय परियोजनाओं के लॉन्च में उल्लेखनीय गिरावट आई, जिससे घर खरीदारों के लिए उपलब्ध इन्वेंट्री कम हो गई. आपूर्ति में इस गिरावट ने डेवलपर्स को अपने बचे हुए स्टॉक को बेचने का मौका दिया. पर्यावरणीय मंजूरी में देरी नई परियोजनाओं के विकल्पों को सीमित कर रही थी. हालांकि, इन नियामक बाधाओं को दूर किया जा रहा है.
- राहुल अजमेरा, रियल एस्टेट डेवलपर और डेटा विश्लेषक
बड़े घरों की ओर रुझान बढ़ रहा
केवल 2025 की पहली छमाही में ही पुणे में घरों की बिक्री 32,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. विशेष रूप से, 1 करोड़ से 2 करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाली इकाइयां पुणेवासियों के लिए मनया आकर्षण का केंद्रफ बन रही हैं, क्योंकि बड़े और अयादा विशाल घरों की ओर रुझान बढ़ रहा है. उपभोक्ताओं के पास अब किफायती से लेकर प्रीमियम तक, 1, 2, 3 और 4 BHK घरों तक, विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है.
- अभिषेक गुप्ता, सीईओ, सीआरई मैट्रिक्स
रियल एस्टेट का निरंतर विकास
 
पुणे के रियल एस्टेट का निरंतर विकास का इतिहास रहा है. पुणे का रियल एस्टेट बाजार अब सिर्फ किफायती आवास की बजाय प्रीमियम आवास की ओर बढ़ रहा है. हमें इस बदलाव के केंद्र में होने, जिरमेदार विकास को बढ़ावा देने और उद्योग में पारदर्शिता लाने पर गर्व है.
- मनीष जैन, अध्यक्ष, क्रेडाई पुणे


पुणे क्षेत्र में बेचे गए घर और कुल मूल्य

वर्ष     पूरे वर्ष में बेचे गए फ्लैटस्‌‍   मूल्य
2021  66,700                             36,000 करोड़ रुपये
2022  82,000                             49,000 करोड़ रुपये
2023  94,000                             59,000 करोड़ रुपये
2024  89,000                             65,000 करोड़ रुपये
2025  43,500                             32,800 करोड़ रुपये
(जनवरी - जून 2025 तक हैं आंकडे)

रिपोर्ट की मुख्य बातें -

औसत मकान की कीमत लगभग 75 लाख रुपये होने के बावजूद, पुणे भारत का सबसे किफायती महानगर माना जाता है. यह शहर उद्योग और प्रवासियों का केंद्र बन गया है. कार्यालय स्थान की बिक्री के मामले में पुणे देश में पांचवें स्थान पर है. पुणे का कार्यालय स्थान अब 100 मिलियन वर्ग फुट क्लब में शामिल हो गया है और 2030 तक इसके 150 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंचने की उम्मीद है. (IIMB - CRE मैट्रिक्स CPRI रिपोर्ट). पिछले 3-4 वर्षों  क्रय शक्ति और आवास की मांग बढ़ेगी, ये सभी विकास आपस में जुड़े हुए हैं.