स्वराज्य का रुपांतर सुराज्य में होने से ही देश विेशेशगुरु बनेगा : नितिन गड़करी

लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से गड़करी सम्मानित : पुरस्कार का स्वरूप एक लाख रुपये, पुणेरी पगड़ी, मानपत्र व स्मृतिचिन्ह

    02-Aug-2025
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पुणे, 1 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

हमारा देश अनेक क्षेत्रों में शक्तिशाली है. सकारात्मक सोच और आत्मवेिशास से सफलता अवश्य मिलती है. लोकमान्य तिलक ने हमें सिखाया कि सत्ताकारण यानि राजनीति नहीं है, बल्कि राजनीति को राष्ट्रवाद में बदलना चाहिए. हमारे देश में भी वेिशगुरु बनने की क्षमता है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने वेिशास व्यक्त किया कि यदि हम लोकमान्य तिलक के सपनों का देश बनाने के लिए स्वराज्य को सुराज्य में बदलने का संकल्प लें, तो देश निश्चित रूप से वेिशगुरु बनेगा. लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट द्वारा शुक्रवार को तिलक स्मारक मंदिर मे दोपहर डेढ बजे आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय सडक एवं परिवहनमंत्री नितिन गड़करी को, लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में गड़करी बोल रहे थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे, ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. रोहित तिलक, डॉ. प्रणति तिलक, डॉ. गीताली तिलक मंच पर उपस्थित थे. ट्रस्ट द्वारा 1983 से प्रतिवर्ष लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है. अब तक विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों को दिए जाने वाले इस पुरस्कार की पुस्तिका का विमोचन इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया. लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार का स्वरूप, एक लाख रुपये, पुणेरी पगडी,स्मृतिचिन्ह, मानपत्र यह था. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि जो दुनिया में नहीं है, उसे भारत में निर्मित किया जाना चाहिए. यदि हम इसी लगन और दृढ़ता के साथ काम करेंगे, तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी. आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होना चाहिए. इसके लिए हमें साहस के साथ आगे बढना चाहिए और लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयास करने चाहिए. महाराष्ट्र राज्य का स्वभाव संघर्ष करना है. संघर्ष करते हुए ही सामाजिक परिवर्तन लाया जा सकता है. लोकमान्य तिलक हमारे प्रेरणा स्रोत हैं और दैवत भी हैं. आज मुझे लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इससे मेरी जिरमेदारी और बढ़ गई है. मैं समाज और देश के लिए जो भी कर पाऊंगा, जशर करने की कोशिश करूंगा. हमारा देश दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. ऑटोमोबाइल उद्योग में हमारा देश वर्तमान में दुनिया में तीसरे स्थान पर है. अगर आत्मनिर्भर बनने के प्रयास किए जाएं, तो आने वाले समय में हमारा देश ऑटोमोबाइल उद्योग में दुनिया में पहले स्थान पर पहुंच जाएगा. हमारे देश में धन और तकनीक की कोई कमी नहीं है. हालांकि, गड़करी ने इस अवसर पर इस बात पर खेद भी व्यक्त किया कि देश के लिए ईमानदारी से काम करनेवालों की कमी है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि मुझे निर्णय लेनेवाले लोग पसंद हैं. निर्णय लेनेवाले ही भविष्य में सफल होते हैं. अगर दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, तो कई सामाजिक कार्य भी धरातल पर उतरेंगे. नए मुंबई-पुणे हाइवे के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है. मुंबई-बेंगलुरु हाइवे का कार्य भी जल्द ही शुरू किया जा रहा है. इन कार्यों के लिए पचास हजार करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय प्रावधान किया गया है. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नितिन गड़करी का व्यक्तित्व ऐसा है जिस पर हर मराठी व्यक्ति को गर्व होगा. उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर मैन के नाम से भी जाना जाता है. वह हमेशा कहते हैं, बातें कम करो और काम अयादा करो. वे अपनी राय भी स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नए भारत का सपना देखा है, उसे साकार करने वाले शिल्पकारों में गड़करी का नाम गर्व से लिया जाएगा. उन्होंने हमेशा रचनात्मक कार्य को बढावा दिया. उन्हें भारत का हाईवे मैन भी कहा जाता है.  
 
नितिन गड़करी ने देश को इन्फ्रास्ट्रक्चर की एक नई परिभाषा दी : मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र और देश को इन्फ्रास्ट्रक्चर की एक नई परिभाषा दी है. नितिन गडकरी एक राजनेता होने के साथ-साथ एक शोधकर्ता की भूमिका भी निभाते हैं. चाहे वह कृषि हो, तकनीक हो, विज्ञान हो, स्वास्थ्य हो, विभिन्न क्षेत्रों में क्या नया किया जा सकता है, यह उनकी निरंतर इच्छा रहती है. अपनी संपत्ति गिरवी रखकर विभिन्न क्षेत्रों में उनके द्वारा किए गए शोध प्रयोगों को हमने नजदीक से देखा है. कठिन परिस्थितियों का साहस के साथ सामना करने का उनका गुण प्रशंसनीय है. यही कारण है कि उन्होंने देश भर में कई सड़कें, पुल और फ्लाईओवर बनवाए हैं. उन्होंने 1500 करोड़ रुपये की लागत से मुंबई-पुणे हाइवे का निर्माण किया. देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर में गुणात्मक परिवर्तन लाने में उनका योगदान बहुत बड़ा है.