स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी का भी ध्यान रखें ः मनोज नरवणे

संस्कृति प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित मेधावी छात्र सम्मान समारोह में पूर्व सेना प्रमुख ने कहा

    20-Aug-2025
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 कोथरूड, 19 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

देश को 2047 तक महाशक्ति बनाना है. इसके लिए हम जो भी कार्य करें, वह नियमों के अनुसार और देश की प्रगति के लिए होना चाहिए. यह भावना हमारे भीतर से आनी चाहिए. करियर के लिए जो भी क्षेत्र चुनें, उसमें अच्छा कार्य करें, ऐसा आह्वान करते हुए स्वतंत्रता के साथ आई जिम्मेदारी का भान रखने की आवश्यकता है, ऐसा मौलिक संदेश भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख जनरल मनोज नरवणे ने दिया. संस्कृति प्रतिष्ठान की ओर से मेधावी छात्र सम्मान समारोह का आयोजन रविवार सुबह कोथरुड स्थित यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह में किया गया.

इस अवसर पर जनरल नरवणे मुख्य मार्गदर्शक के रूप में उपस्थित थे. समारोह में 700 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया. केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोळ की संकल्पना से शुरू किए गए इस उपक्रम का यह 23वां वर्ष था. सम्मान-स्वरूप विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद और प्रधानमंत्री मोदी की पुस्तकें, शैक्षणिक साहित्य और स्मृति-चिन्ह प्रदान किए गए. कार्यक्रम में मंच पर केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर केदार जाधव, फिल्म निर्देशक-अभिनेता प्रवीण तरडे, पुणे श्रमिक पत्रकार संघ के अध्यक्ष ब्रजमोहन पाटिल, मोनिका मोहोल, हर्षाली माथवड, वासंती जाधव, संस्कृति प्रतिष्ठान व भाजपा पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता उपस्थित थे. छात्रों और अभिभावकों का मार्गदर्शन करते हुए जनरल मनोज नरवणे ने कहा कि आप जिस भी क्षेत्र में हों, अगर ईमानदारी और अनुशासन से काम करेंगे तो वह कार्य देश की प्रगति में सहायक होगा.

अनुशासन नहीं होगा तो उस स्वतंत्रता का कोई अर्थ नह्‌ीं‍. स्वतंत्रता मिलने से ही हम सभी अपने- अपने धर्म के अनुसार आचरण कर सकते हैं और अपनी पसंद के क्षेत्र में काम कर सकते हैं. लेकिन इस स्वतंत्रता का आनंद लेते समय इसके साथ आई जिम्मेदारी को भूलना नहीं चाहिए. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि हमारे युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है. यही युवा पीढ़ी देश को आगे ले जाएगी. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचाने का सपना देखा है. इसे पूरा करने के लिए, जिनके पास कोई सहारा नहीं है, ऐसे एक लाख विद्यार्थियों को आगे लाने का प्रयास किया जा रहा है. इन छात्रों के साथ मिलकर हमें भारत का भविष्य उज्ज्वल बनाना है. यह प्रयास मेधावी छात्रों को प्रतिभावान बनाने के लिए है. जिन्हें मैंने 23 साल पहले मेधावी के रूप में कॉपियां दी थीं, आज उनकी संतानें पुरस्कार लेने आई हैं.