
मुंबई, 22 अगस्त (आ. प्र.) दि बेस्ट एम्प्लाॅयज काे-ऑप क्रेडिट साेसायटी के चुनाव में ठाकरे ब्रांड काे प्रमाेट किया गया था लेकिन इस चुनाव के नतीजे आने के बाद ठाकरे भाइयाें के गठबंधन का पहला ही एक्सपेरिमेंट फेल हाे गया. इसपर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना उपनेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि मनसे-उबाठा गठबंधन काे महाराष्ट्र और मराठी भाषियाें ने एक तरह से नकार दिया है. पूर्व सांसद ने कहा कि बेस्ट का चुनाव, इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्याेंकि एक तरफ मनसे और उबाठा थे और दूसरी तरफ बीजेपी - शिवसेना. भले ही यह चुनाव छाेटा था लेकिन मुंबई के लिए महत्वपूर्ण था, इस चुनाव के लगभग 15 हजार वाेटर्स थे जिनमें करीब साढ़े 12 हजार लाेगाेें ने मतदान किया यानि कि 80 प्रतिशत वाेटिंग हुई और यह सारे वाेटर्स मराठी थे, भूमिपुत्र थे लेकिन उन्हाेंने ठाकरे बंधुओं काे साफ-साफ नकार दिया. संजय निरुपम ने आगे कहा कि यह दाेनाें भाई साथ आने से काेई फर्क नहीं पड़ता है क्याेंकि दाेनाें सिर्फ ‘बाेलबच्चन’ हैं और मराठी समाज काे लेकर काम करने काे लेकर जीराे हैं. मराठी आदमी आज जिस तरह से उम्मीद लगा रहा है और उनका विश्वास ताे सिर्फ हमारे नेता एकनाथ शिंदे जी पर है.