जीएसटी में सुधार व टैक्स स्लैब की कटौती पर सब की नजर

उपभोक्ताओं समेत व्यापारियों को भी मिलेगा फैसले का फायदा : लोग देख रहे हैं दिवाली के तोहफे की राह

    23-Aug-2025
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शिवाजीनगर, 22 अगस्त (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में जीएसटी में बड़े बदलावों की घोषणा की. वहीं चर्चा है कि सरकार के प्रस्ताव के अनुसार, मौजूदा चार-स्तरीय कर ढांचे (5%, 12%, 18% और 28%) को घटाकर केवल दो स्तरों - 5% और 18% कर दिया जाएगा. अब खुद प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा किए जाने से लोगों की सरकार से अपेक्षाएं भी बढ़ी हैं. माना जा रहा है कि, जीएसटी के स्लैब में 12% और 28% की कर दरें, जिनकी लंबे समय से जटिल और उपभोक्ताओं पर बोझ होने के लिए आलोचना की जाती रही है, वह अब समाप्त की जा सकती हैं.
 
भारत में अब त्यौहारों का मौसम शुरू हो गया है. स्वाभाविक रूप से, इस दौरान कारोबार में भारी वृद्धि होती है. अगर सरकार जल्द से जीएसटी कम करने का फैसला लेती है, तो इससे न केवल उपभोक्ताओं, बल्कि व्यापारियों को भी फायदा हो सकता है. इसलिए, देशवासियों को उम्मीद है कि यह फैसला जल्द ही लिया जाएगा. व्यापारियों का कहना है कि कर संरचना को सरल बनाकर अनुपालन (कंप्लायंस) आसान होना चाहिये. कुल मिलाकर अब लोक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गएं संकेतों के अनुसार दिवाली के तोहफे की राह देख रहे हैं.  
 
जीएसटी स्लैब में कमी से बाजार को बढ़ावा मिलेगा

डेक्कन की मे. डायमंड वॉच कंपनी के संजीव फड़तरे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी में बड़े सुधारों की घोषणा की. उन्होंने इसे व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए दिवाली से पहले का तोहफा बताया. हम व्यापारी, सरकार की इस घोषणा का स्वागत करते हैं. हम घड़ियों के बिजनेस में हैं. फिलहाल घड़ियों पर जीएसटी 18% और प्रीमियम घड़ियों पर 28% है. अगर इसे घटाकर 12% और 18% कर दिया जाए, तो घड़ियों की कीमतें कम होंगी और बाजार को बढ़ावा मिलेगा. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री द्वारा यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ लगा रहे हैं. तो कपड़ा उद्योग, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट, एफएमसीजी उत्पाद, स्वास्थ्य सेवा और बीमा सहित कई वस्तुएं और सेवाएं सस्ती हो सकती हैं.
- संजीव फड़तरे
  

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आवश्यक वस्तुओं व मिर्च पर जीएसटी घटाकर शून्य हो

दि फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ ट्रेडर्स के अध्यक्ष वालचंद संचेती ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं. इन पर जीएसटी 5 प्रतिशत है. इस कारण कीमतें भी बढ़ रही हैं. सरकार को आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगाना चाहिए. इससे आम जनता को राहत मिलेगी.महंगाई के इस दौर में आम जनता का जीना भी मुश्किल हो गया है. इसे देखते हुए आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी समाप्त किया जाना चाहिए. महंगाई कम करने के लिए, महाराष्ट्र के सभी व्यापारियों का पुरजोर अनुरोध है कि सरकार आवश्यक वस्तुओं और मिर्च पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य प्रतिशत करे. इस आशय का एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्य आयुक्त जीएसटी समिति (नई दिल्ली) को दिया गया है.
- वालचंद संचेती  
 

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रिटेल व्यापारियों का प्रतिस्पर्धा के लिए हौसला बढ़ेगा

पुणे जिला कैट के अध्यक्ष विकास मूंदड़ा ने कहा कि हमारा कहना है कि इन बदलावों से रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी. कंजम्शन बढ़ेगा और रिटेल क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. सरकार को राजस्व में अस्थायी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन बढ़ती खपत से दीर्घकाल में इसकी भरपाई भी हो सकती है. टैक्स दरों में कटौती से रिटेल व्यापारी को ऑनलाइन तथा बाहर की कंपनियों से टक्कर देने के लिए ताकत मिलेगी तथा व्यापारियों का हौसला बढ़ेगा. बाजार की मांग है कि लगभग 99% वस्तुएं, जो अभी 12% स्लैब में आती हैं, उन्हें 5% स्लैब मे लाया जाए. करीब 90% वस्तुएं, जो 28% स्लैब में आती हैं, उन्हें 18% स्लैब में लाया जाए. इससे विशेषकर एमएसएमई पर कर बोझ कम हो सकता है.
- विकास मुंदड़ा
 
 
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स्लैब कम होने से व्यापार बढ़ेगा और महंगाई में कमी

पूना इलेक्ट्रॉनिक्स हायर परचेज एसोसिएशन के अध्यक्ष मीठालाल जैन ने कहा कि जीएसटी में टैक्स लगाने की प्रक्रिया जटिल है. अलग-अलग स्लैब में टैक्स लगता है. लेकिन, अगर टैक्स के स्लैब कम किए जाते हैं, तो व्यापारी भाइयों को राहत मिलेगी. खासकर 5% और 18% का जीएसटी स्लैब बनेगा तो व्यापार बढ़ेगा. वहीं दूसरी ओर महंगाई भी कम होगी. अभी तक सरकार को जीएसटी से बहुत फायदा हुआ है. जीएसटी भरनेवाले व्यापारियों की संख्या भी बहुत बढ़ी है. लेकिन, जीएसटी से सीनियर सिटीजन का कोई फायदा नहीं हुआ है. इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स गिफ्ट आइटम, प्लास्टिक्स, क्रॉकरी में टैक्स 18% से घटाकर 5% करनी चाहिए.
- मीठालाल जैन


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